जालौन : अफसरों की बाजीगरी में उलझा 'बचपन', बोरों में बन्द मिली पुस्तकें, शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया शत प्रतिशत आवंटन।
कैद में पुस्तकें, अफसरों की 'बाजीगरी ' में उलझा 'बचपन'
शासन को भेजी रिपोर्ट में बताया शत प्रतिशत बंट गई किताबें, कदौरा व महेबा के कई स्कूलों में पहुंची नहीं, बोरों में मिली बंद
यह चार मामले बताने के लिए काफी हैं कि कालपी में प्राथमिक शिक्षा का क्या हाल है। पिछले दिनों अफसरों ने शासन को भेजी रिपोर्ट में बाजीगरी दिखा दी। सरकारी आंकड़ों में शत प्रतिशत बच्चों को निश्शुल्क मिलने वाली किताबें बंट चुकी है। इसका राजफाश तब हुआ, जब शिक्षक संगठनों ने अधिकारियों की करतूत को सार्वजनिक तौर पर उजागर किया। मंगलबारको कदौरान व महेबा बनाक में चारी से रखी किताबों पुस्तकों को जलाने व फिकवाने की नाकाम कोशिश की गई। मामला तूल पकड़ने पर अफसर एक दूसरे की बगले झांक रहे हैं।
रात भर पदाधिकारियों ने की रखवाली : मंगलवार को भी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने अधिकारियों को सूचना दी लेकिन किसी ने भी ताला खुलवाना उचित नहीं समझा। संघ के शिक्षकों ने आरोप लगाया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा भेजी रिपोर्ट में शत प्रतिशत बच्चों को किताबें वितरित करना बताया है जबकि धरातल पर हकीकत अलग है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान के साद कई शिक्षक सोमवार की पूरी रात पूर्व माध्यमिक विद्यालय उसरगांव परिसर के बाहर एकल कक्षा में बंद किताबों की रखवाली करते रहे। मौके से अधिकारियों को फोन भी अवगत भी कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नरेंद्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय महामंत्री अशोक वाजपेई मौके पर पहुंचे और दोपहर तक ताला खुलवाने के लिए प्रयासरत रहे। बीईओ अजीत यादव वडीसी प्रशिक्षण विश्वनाथ दुबे पहुंचे। और बीईओ कदौरा को फोन से ताला खुलवाने के लिए बुलाया गया लेकिन वह मौके पर नहीं आए। विद्यालय के बढ़ता देख विद्यालय से निकल गए।
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर गलत रिपोर्ट प्रेषित की गई है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
संकुल शिक्षक विवेक कुमार बवाल प्रेमंद, बीएसए
केस- 1
उच्च प्राथमिक विद्यालय खल्ला बलाक महेबा में कक्षा छह की गणित की एक भी किताब नहीं पहुची, जवकि 38 छात्र नामांकित हैं। यहां गृह विज्ञान, कृधि विज्ञान पर्यावरण खेल व स्वास्थ विषय की भी किता अभी तक नहीं पहुंची है। वहीं शिक्षक ने एका अक्टूबर को बीइभी को पत्र लिखकर किताबों की माग की थी।
केस- 2
प्राथमिक विद्यालय सिकरी रहमानपुर नाक महेवा में कक्षा तीन व पाच में गिनतारा की एक भी किताब नहीं पहुंची । इसी तरह कक्षा चार व पाच में रेनवो किताव किसी भी छात्र को नहीं मिली। विद्यालय में कुल छात्र नामांकित है। शिक्षक के मुताबिक किताड़ं की माग उन्होंने काफी पहले कर रखी है।
केस- 3
प्राथमिक विद्यालय बम्हौरी ब्लाक कदौरा में कक्षा एक, दो और तीन के छात्रों को एक किताब मुहैया नहीं कराई गई है। वहीं कक्षा चार कलरव व गिनतारा की किताब और कक्षा पाच में भी गिनतारा की किताइनहीं पहुंचाई गई है 178 अब पंजीकृत हैं। अभिभावक शिक्षक से इस बारे में कई बार पूछ चुके हैं।
केस- 4
पूर्व माध्यमिक विद्यालय इकौना ब्लॉक कदौरा में कक्षा एक के छात्रों को एक भी किताब नहीं दी गई है। कक्षा दो में के सापेक्ष 15 को ही कलरव की किताबें मुहैया कराई गई है। कक्षा चार में कलरव, रेनबो व संस्कृत की एक भी किताब नहीं दी गई। कक्षा में 47 छात्र है। वही विद्यालय में कुल 211 छात्र पंजीकृत है।
ब्लॉक : महोबा
प्राथमिक विद्यालय : 89 उच्च प्राथमिक विद्यालय : 38
कपोजिट विद्यालय : 21
कुल छात्र (2020-21) :11162
उसगाव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बोरियों में बंद रखी छात्रों को दी जाने वाली किताबें
ब्लाक : कदौरा
प्राथमिक विद्यालय : 106
उच्च प्राथमिक विद्यालय : 35 कंपोजिट क्यालय :28
कुल छात्र (2020-21) p003
ताला न खुलने पर गाड़ी के आगे बैठे शिक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर बीइओ और डीसी ट्रेनिंग उसरगांव के एकत कक्ष में जांच करने पहुंचे थे
कालपी : उसरगांव में दो दिनों से निश्शुल्क बंटने वाली किताबें एकल कक्ष में बोरियों में सखी गई हैं, लेकिन वे दिनों से ताला नहीं खोला गया। मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच के लिए बीइओ अजीत यादव व डीसी ट्रेनिंग विश्वनाथ दुबे बंद ताला खुलवाए बिना ही जाने लगे। जैसे ही दोनों अधिकारी गाड़ी में बैठकर चले तो महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान, इल्यास मंसूरी, बृजेश श्रीवास्तव आदि शिक्षक उनकी गाड़ी के सामने बैठ गए और कहा कि एकल कक्ष का ताला खुलवा कर किताब देख लें कि यह किताब कौन सी हैं या फिर हम लोगों के ऊपर से गाड़ी चढ़ाकर निकाल लें। हम लोग जान दे देंगें लेकिन आपको बिना ताला खोले नहीं जाने दो। जिसके बाद अधिकारी गाड़ी से उतर गए। इसी बीच ज्ञान भारती चौकी प्रभारी अमित प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पूरी बात सुनी और दोनों जांच अधिकारियों को मौके से निकलवाया। इस पर शिक्षक नाराज हो गए और जिलाधिकारी के समक्ष जाने की बात कहीं। फिलहाल देर शाम तक ताला नहीं खुल सका।
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