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Friday, February 5, 2021

शिक्षकों की गोपनीय आख्या के विरोध में आक्रोश, विरोध में उतरे शिक्षक संगठन

शिक्षकों की गोपनीय आख्या के विरोध में आक्रोश, विरोध में उतरे शिक्षक संगठन


गोपनीय आख्या के नाम पर बंद हो शोषण - कई जिलों में ज्ञापन सौंप बोले बेसिक शिक्षक


सीतापुर। प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री व बीएसए को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्त ने कहा सरकार आए दिन नए-नए आदेश जारी करके अधिकारियों को शिक्षकों का शोषण करने के लिए संरक्षण दे रही है। गोपनीय आख्या के नाम पर अधिकारी शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर जिले में महिला शिक्षिकाओं की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया।


जिला मंत्री आराध्य शुक्ल ने कहा पूरे जिले में खंड शिक्षा अधिकारियों का संगठित भ्रष्टाचार चल रहा है। कहा, पिछले दिनों कार्यमुक्त शिक्षकों की रिलीविंग में हुई धन उगाही और रात भर महिलाओं को बीएसए कार्यालय में रोकने की घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए । उन्होंने शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या लेने विषयक आदेश वापस लेने की भी मांग की।


झांसी। शिक्षकों की गोपनीय आख्या को लेकर शिक्षक संगठनों में आक्रोश पनप रहा है। बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शासन के आदेश को लेकर विरोध किया। इस दौरान शिक्षकों ने शिक्षा भवन से लेकर कलक्ट्रेट तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। साथ ही, डीएम को मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।


शिक्षक नेताओं ने कहा कि कायाकल्प के तहत हो रहे कार्यों को शिक्षकों के अंक निर्धारण से जोड़ना उत्पीड़न करना है। वार्षिक गोपनीय आख्या पठन-पाठन के विपरीत और असमंजस उत्पन्न करने वाली है। इससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है। इसके साथ ही, 20 सूत्रीय मांगों को ज्ञापन में सम्मिलित किया गया। 


इस मौके पर शिक्षकों ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, जनपद के अन्दर स्थानान्तरण एवं पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया बहाल करने, संसाधन उपलब्ध कराए बगैर ऑनलाइन कार्य में शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई आदेश करने, कैश लेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, मृतक आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी के स्थान पर लिपिक पद पर नियुक्त करने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखने, बेसिक शिक्षा परिषद में एनजीओ का दखल बंद करने और नवनियुक्त शिक्षकों के दो प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर शीघ्र वेतन भुगतान करने एवं पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग की। 

इस दौरान ज़िलाध्यक्ष जितेंद्र दीक्षित, मंत्री चौधरी धर्मेंद्र सिंह, देवेश शर्मा, मोहम्मद अफ जल, रजनी साहू, राजीव आर्य, पुष्पा सिंह, उमेश बबेले, प्रवक्ता अब्दुल नोमान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र कुशवाहा, संयुक्त मंत्री शिवकुमार पाराशर, कोषाध्यक्ष चरण सिंह पटेल, देवी प्रसाद, अरुण निरंजन, मृत्युञ्जय सिंह, अनिरुद्ध रावत, प्रियवंदा मिश्रा समेत बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।


बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी सौंपा ज्ञापन

झांसी। बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने जिलाध्यक्ष रसकेंद्र गौतम के नेतृत्व में डीएम को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि बेसिक शिक्षकों की न्यायोचित मांगें सरकार व शासन के स्तर पर लंबित हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा जारी किया गया आदेश नियम विरुद्ध है। इस मौके पर महेश साह्रू, प्रदीप कुशवाहा, विपिन त्रिपाठी, राजीव पाठक, सुनील गुप्ता, अजय देवलिया, रंजीत यादव, पवन देव त्रिपाठी, हिमांशु अवस्थी, हरगोविंद यादव, अजय पटेल, अरुण पटेरिया, आशुतोष पांडेय, रामकिशोर यादव, नीरज चाउदा, पवन गुप्ता मौजूद रहे।

गोपनीय आख्या पर पदोन्नति व वेतन वृद्धि अव्यवहारिक

जौनपुर । प्राथमिक शिक्षक संघ के जनपदीय अध्यक्ष व प्रांतीय संगठन मंत्री अमित सिंह के नेतृत्व में परिषदीय शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिक्षकों के मूल्यांकन के (गोपनीय आख्या) आदेश के विरोध सहित 22 सूत्रीय मांगों के संदर्भ में ज्ञापन भेजा । प्रांतीय संगठन मंत्री ने कहा विगत 8 जनवरी को बेसिक शिक्षा परिषद विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का मूल्यांकन कर वार्षिक गोपनीय आख्या ब्लाक/जनपद के अधिकारियों द्वारा विभाग को प्रेषित की जायेगी और इस गोपनीय आख्या के आधार पर ही शिक्षकों की वेतन वृद्धि व पदोन्नति की जायेगी। यह आदेश पूर्ण रूप से अव्यवहारिक एवं शिक्षकों का शोषण करने वाला है। विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार विद्यालय में कायाकल्प के तहत होने वाले कार्यों के लिए भी अंक तय कर उनका उल्लेख शिक्षकों की गोपनीय आख्या में करने की व्यवस्था की गई है जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध व अनुचित है


उन्नाव। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की गोपनीय आख्या मांगे जाने पर उत्तर प्रदेशीय प्राशिसं ने विरोध जताते हुए डीएम कार्यालय में ज्ञापन दिया। महामंत्री धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि सभी शिक्षक अपने कर्तव्य पूरा कर रहे हैं, फिर भी गोपनीय मूल्यांकन के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय से शिक्षकों का मनोबल गिरेगा। पठन व पाठन के लिए यह आदेश अनुचित नहीं है।


अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित करते हुए ज्ञापन डीएम कार्यालय में दिया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि गोपनीय मूल्यांकन और आख्या के निर्देश को वापस लिया जाए। इसके अलावा उन्होंने शिक्षकों की लंबित मामलों के भी निस्तारण की मांग उठाई। इसमें नव नियुक्त शिक्षकों का सत्यापन शीघ्र कराने का भी मुद्दा उठाया।

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