मान्यता प्राप्त गैर अनुदानित मदरसे तय कर सकेंगे शुल्क, मदरसा शिक्षा परिषद ने शुल्क विनियमन के लिए तय की प्रक्रिया
लखनऊ : उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने मान्यताप्राप्त गैर अनुदानित मदरसे अब अपने हिसाब से शुल्क निर्धारित कर सकेंगे। परिषद ने शुल्क विनियमन के लिए प्रक्रिया तय कर दी है। इसके लिए प्रत्येक मदरसा प्रबंध समिति शैक्षिक सत्र शुरू होने से एक माह पहले आगामी शैक्षिक सत्र के लिए विद्यार्थियों से लिए जाने वाले शुल्क का अनुमोदन करेगी।
गौरतलब है कि परिषद की नियमावली में मान्यताप्राप्त गैर अनुदानित मदरसों में शुल्क लेने के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है। बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि मदरसे के शुल्क संग्रह की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई गई है। शुल्क संरचना का निर्धारण करते समय क्षेत्रीय असमानता, आर्थिक अवसंरचना एवं शैक्षिक स्तर इत्यादि का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसमें रजिस्ट्रीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, संयुक्त वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क आदि का स्पष्ट प्रावधान किया जाना जरूरी है। विद्यार्थियों को शुल्क की रसीद भी दी जाएगी। जबकि छात्रावास शुल्क का निर्धारण अलग से किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रबंध समिति द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना का विवरण शिक्षा सत्र के पहले जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा अगर प्रबंध समिति के अनुमोदित शुल्क संरचना पर किसी को कोई आपत्ति होती है तो वह प्रदेश में विषमता और संस्था की पहले से लागू उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अधिनियम-2018 के तहत गठित जिला शुल्क नियामक समिति में अपील कर सकता है।
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन ने किया स्वागत
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में मदरसों के लिए फीस प्रतिपूर्ति के लिए बनी नई गाइडलाइन स्वागत किया गया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि इससे मदरसों को एक नई दिशा मिलेगी और सभी बोर्ड से समानता करने में आसानी होगी।
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