यूपी बोर्ड : परीक्षा केंद्र न बनने वाले विद्यालयों की सूची जारी, विधानसभा में मामला उठने पर जारी हुई 103 व 755 की दो सूची
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने प्रदेश के उन 103 विद्यालयों की सूची सार्वजनिक की है, जिनका नाम वर्ष 2021 की बोर्ड परीक्षा के केंद्र के लिए प्रस्तावित था लेकिन जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बनी समिति की रिपोर्ट पर इन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया परीक्षा केंद्र न बनाने के कारण सहित यह सूची बोर्ड की ओर से पहली बार जारी की गई है।
बोर्ड के अफसरों का कहना है कि सूची जारी करने का निर्णय केंद्र निर्धारण पर विधानसभा में उठे एक प्रश्न की वजह से पारदर्शिता के लिहाज से लिया गया है। इस सूची में 103 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र न बनाने का कारण दर्ज है।
यह 103 विद्यालय प्रदेश के 44 जिलों के हैं। सूची से स्पष्ट है कि जिला स्तरीय समिति ने बलिया और मऊ से सर्वाधिक 10-10 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने से मना किया है। हरदोई के 6, हाथरस के पांच और प्रयागराज, अयोध्या के चार-चार, एटा, मथुरा, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ तथा फतेहपुर के तीन-तीन, आगरा, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, देवरिया, संत कबीर नगर, बाराबंकी, बहराइच, लखनऊ, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, जालौन तथा झांसी के दो-दो विद्यालयों को केंद्र बनाने से मना किया गया है।
755 स्कूलों की सूची भी जारीः
यूपी बोर्ड ने 755 ऐसे स्कूलों की जिलावार सूची भी जारी की है, जो पूर्व में परीक्षा केंद्र बने थे। लेकिन विभिन्न आरोपों में डिबार होने, मान्यता वापस लेने की कार्रवाई चलने, परीक्षा केंद्र के पास से हाईटेंशन लाइन गुजरने, स्कूल के चारों ओर बाउंड्रीवाल न होने, परिसर में प्रधानाचार्य का आवास होने, प्रधानाचार्य या प्रबंधक को लेकर विवाद होने, परीक्षार्थियों के बैठने को पर्याप्त इंतजाम न होने से केंद्र नहीं बनाया गया है। प्रयागराज व प्रतापगढ़ के 34-34 तथा कौशाम्बी के 6 विद्यालय शामिल हैं।
डीआईओएस दफ्तर की पोल खोल रही सूची
यूपी बोर्ड की ओर से जारी सूची डीआईओएस दफ्तर में परीक्षा केंद्र बनाने के नाम पर चल रहे खेल की पोल भी खोल रही है। कई विद्यालय ऐसे हैं, जो यूपी बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्र बनाने के लिए निर्धारित मानक पूरे नहीं करते हैं पर उन्हें भी केंद्र बनाने के लिए प्रस्तावित कर दिया गया था।
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