फतेहपुर : सैकड़ों शिक्षकों को पगार का इंतजार, पटल प्रभारी को भी दी थी 15 दिन की डेडलाइन, सत्यापन की स्थिति पर सर्वाधिक पेंच
फतेहपुर : जिले में परिषदीय शिक्षकों को अब भी अपने नियमित एवं अवशेष वेतन का बेसब्री से इंतजार है। हालात यह हैं कि तमाम ऐसे शिक्षक भी हैं जिन्हें करीब सात साल की नौकरी के बाद भी अपना बकाया वेतन नहीं मिल सका है। प्राशिसं ने तमाम ज्ञापन भी सौंपे लेकिन उनका अब तक असर नहीं दिखाई पड़ा है। डीएम के निर्देशपर सत्यापन पटल प्रभारी को दी गई डेडलाइन कल समाप्त हो रही है।
जिले में अन्तर्जनदीय स्थानान्तरण से आए शिक्षकों को पदस्थापित हुए करीब एक माह बीत चुका है लेकिन जिले में उनके वेतन भुगतान के बारे में कोई सटीक सूचना नहीं मिल रही है। जिससे होली बेरंग गुजरने के आसार हैं। 41556 सहायक शिक्षक भर्ती के अन्तर्गत कई शिक्षकों को नियमित एवं एक हजार से अधिक शिक्षकों को अपने अवशेष वेतन का इंतजार है। 15 हजार, 16448 और 12460 के करीब दो सौ शिक्षकों को अवशेष वेतन नहीं मिल सका है।
पटल प्रभारी को दी थी 15 दिन की डेडलाइन
बीते 6 मार्च को मुख्यालय बीईओ ने पटल प्रभारी को निर्देशित किया था कि संघ व बीएसए के मध्य हुई वार्ता को देखते हुए 15 दिनों के भीतर कार्य को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए पूरा कराया जाए। कल यह डेडलाइन समाप्त हो रही है। सैकड़ों शिक्षकों की निगाहें बीएसए आफिस को ताक रही हैं। | शिक्षकों की होली में रंग भरने का दारोमदार बीएसए कार्यालय पर है।
सत्यापन की स्थिति पर सर्वाधिक पेंच
सूत्र बताते हैं कि नवनियुक्त शिक्षकों में सत्यापन की स्थिति अस्पष्ट होने से सबसे अधिक रोष है। शिक्षकों को यही नहीं पता है कि उनके अब तक कितने सत्यापन विभाग द्वारा कराए जा चुके हैं। पटल प्रभारी भी शिक्षकों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों में सत्यापन की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
बोले जिम्मेदार
यदि किसी टीचर की शिकायत हो जाए कि फर्जी शिक्षक है या अभिलेख में कमी है तो विभाग उसका सत्यापन एक सप्ताह में करा लेता है किन्तु दुर्भाग्य है कि शिक्षकों का हक दिलाने के लिए विभाग कई साल बाद भी सत्यापन नहीं करा सका है।
विजय त्रिपाठी, जिला मंत्री प्राशिसं फतेहपुर
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