नई शिक्षा नीति : 2022 से ही लागू हो सकता है चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम, जानिए कोर्स के बारे में
वर्ष 2030 के बाद केवल चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले ही शिक्षक भर्ती के लिए योग्य अभ्यर्थी होंगे। यह प्रावधान नई शिक्षा नीति में दिया गया है। नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित उच्च शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी यह कोर्स वर्ष 2022 से लागू करने पर विचार कर रही है। ऐसे में आपके लिए यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इस चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम क्या-क्या होगा। पढ़िए...
इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से आपको अपने विषय के साथ-साथ बीएड के विषयों को पढ़ने का भी मौका मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई विद्यार्थी केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) से बीएससी ऑनर्स के साथ बीएड करना चाहता है तो वह स्नातक के दौरान बीएससी के साथ बीएड के सेक्शन भी पढ़ पाएगा। तीन साल में बीएससी ऑनर्स की पढ़ाई पूरी होने पर चौथे साल में उसे बीएड के बचे सेक्शन पढ़ने होंगे। साथ ही इंटर्नशिप भी करनी होगी। इस तरह 5 साल में मिलने वाली डिग्री अब चार साल में इंटीग्रेटेड बीएससी-बीएड के नाम से मिल जाएगी और विद्यार्थियों का एक साल भी बच जाएगा।
वहीं क्रेडिट सिस्टम अभ्यर्थियों को बीच में ही कोर्स छोड़नी की भी अनुमति देता है। दाखिला लेने के बाद अगर किसी विद्यार्थी को बीएड की पढ़ाई नहीं करनी है, तो उसे तीन साल बाद स्नातम की डिग्री मिल जाएगी। साथ ही इन तीन सालों में विद्यार्थी ने बीएड कोर्स से संबंधित जिन भी विषयों की पढ़ाई की होगी, उसे उन विषयों का सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। यह सर्टिफिकेट विद्यार्थी के एकेडमिक बैंक क्रेडिट में जमा हो जाएगा। अगर भविष्य में कभी विद्यार्थी फिर से बीएड की पढ़ाई करना चाहेगा तो यह क्रेडिट उसके काम आएगा।
बता दें सबसे पहले बीएड प्रोग्राम एक साल का हुआ करता था और वर्तमान में यह दो वर्ष का है। अब यह जल्द ही चार वर्ष (इंटीग्रेटेड) का होने जा रहा है। हालांकि अभी तक यह एक संभावित मॉडल है, जिसे जल्द ही अंतिम स्वरूप दिया जा सकता है।
No comments:
Write comments