छात्रवृत्ति फॉर्म भरने वाले छात्रों को मिल सकती है बड़ी राहत, समाज कल्याण विभाग ने किया त्रुटि सुधार के लिए मौका देने का अनुरोध
छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सरकारी सुविधा पाने के लिए किए गए आवेदनों में मामूली त्रुटियों की वजह से लम्बित आवेदनों से परेशान अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए एक उम्मीद भरी खबर है। समाज कल्याण विभाग ने शासन को ऐसे छात्र-छात्राओं के आवेदनों की त्रुटियों को दूर कर उनके आवदेन स्वीकृत करने के लिए 22 मार्च तक जिला स्तरीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति को मोहलत देने का अनुरोध किया है।
अगर शासन से इस बारे में स्वीकृति मिल जाती है तो जिला स्तरीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति को डाटा लॉक करने की समय सीमा और मिल जाएगी तब लंबित आवेदनों से संबंधित छात्र-छात्राओं के आवेदनों की मामूली त्रुटियां दूर हो सकेंगी।
वित्तीय वर्ष का अंतिम महीना होने की वजह से सभी आवेदक छात्र-छात्राओं के बैंक खातों छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि आगामी 25 मार्च तक भेजे जाने की तैयारी है। समाज कल्याण निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति के कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं और व्यासायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत कुल 6, 09, 684 छात्र-छात्राओं के आवेदन सभी स्तरों के परीक्षण में सही पाए गए हैं जबकि कक्षा नौ और दस के अनुसूचित जाति के कुल 2, 80, 850 छात्र-छात्राओं के आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है।
आवेदन के साथ मांगी गई सभी जरूरी सूचनाएं और प्रमाण सही ढंग से न दिये जाने की वजह से कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कुल 2, 53,012 अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के आवेदन फंस गये हैं जबकि कक्षा नौ और दस के अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के खामियों की वजह से फंसे आवेदनों की संख्या 98,972 है। सामान्य वर्ग के कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं और व्यासायिक पाठ्यक्रमों 4,25, 422 छात्र-छात्राओं के आवेदन परीक्षण में सही पाये गए हैं जबकि 1,83,520 छात्र-छात्राओं के आवेदन त्रुटियों की वजह से फंस गये हैं। कक्षा नौ व दस की कक्षाओं के सामान्य वर्ग के 96, 752 छात्र-छात्राओं के आवेदन स्वीकृत हुए हैं और 25, 698 छात्र-छात्राओं के आवेदन लंबित हैं।
छात्रवृत्ति के आवेदन स्वीकृत न होने की वजह
-55 प्रतिशत से कम उपस्थिति
-आय प्रमाण पत्र संदिग्ध
-जाति का गलत अंकन
-उपस्थिति कम, प्राप्तांक कम
-आधार का सत्यापन नहीं
खामियों की वजह से निरस्त हुए आवेदन :
-नैक व एनबीए ग्रेडिंग न होने तथा प्रमाण पत्र सत्यापित न होने व अन्य खामियां
-एस.सी.पोस्ट मैट्रिक-81,882
-एस.सी.प्री मैट्रिक-5,748
-जनरल पोस्ट मैट्रिक-30,883
-जनरल प्री मैट्रिक-3, 578
छात्रवृत्ति योजना में 3.5 लाख छात्रों के आवेदन हुए निरस्त, जाति व आय प्रमाणपत्र, नैक और एनबीए ग्रेडिंग न होने पर किए गए योजना से बाहर
लखनऊ : छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में करीब 3.5 लाख छात्रों के आवेदन पत्र निरस्त कर दिए गए हैं। जाति व आय प्रमाणपत्र का मिलान न होने और नैक व एनबीए ग्रेडिंग न होने से इन्हें योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया है। समाज कल्याण विभाग के अधि मुताबिक, डाटा की जांच मंगलवार सुबह 8 बजे तक जारी रहेगी। इसलिए यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में सत्र 2020-21 में 56 लाख छात्रों ने आवेदन किया है।
ऑनलाइन आवेदन करने वाले प्रत्येक छात्र का डाटा एनआईसी अपने सॉफ्टवेयर से चेक करती है। सोमवार देर शाम तक 3.5 लाख छात्रों का डाटा निरस्त किय जा चुका है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, इसके मुख्य कारण पिछले साल का रिजल्ट अपलोड न करना, आय व जाति प्रमाणपत्र का संबंधित वेबसाइट से मिलान न हो पाना और पिछली कक्षा में न्यूनतम अंकों की अर्हता पूरी न कर पाना आदि हैं। इस साल से निजी विश्वविद्यालयों व तकनीकी संस्थानों के लिए योजना का लाभ लेने के लिए नेशनल असिस्टमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) और नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) की ग्रेडिंग जरूरी है। जिन विश्वविद्यालयों और संस्थानों के पास इनकी ग्रेडिंग नहीं है, उनके छात्रों को भी योजना के दायरे बाहर कर दिया गया है। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य व अनुसूचित जाति वर्ग के ही 1.70 लाख विद्यार्थियों का डाटा निरस्त हो चुका है। सभी वर्गों में यह संख्या 3.5 लाख को पार कर चुकी है।
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