69,000 भर्ती में चयन के बाद की तिथि का जाति व निवास प्रमाणपत्र लगाने पर शिक्षक संदेह के घेरे में, मांगा गया जवाब
सुल्तानपुर। 69,000 शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए नौ शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। शिक्षकों ने चयन के बाद आयोजित काउंसिलिंग प्रक्रिया में निर्धारित तिथि के बाद का जाति प्रमाणपत्र व निवास प्रमाणपत्र लगाया था। बीएसए ने शिक्षकों से जवाब मांगा है।
69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित नौ शिक्षकों ने काउंसिलिंग के समय निर्धारित तिथि के बाद का जाति व निवास प्रमाण पत्र लगा दिया था। उस समय चयन के आधार पर शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित कर दिया गया था।
बाद में कागजातों के परीक्षण में इसका खुलासा हुआ, जबकि निर्देश में स्पष्ट लिखा हुआ था कि 28 मई 2020 के पूर्व का निर्गत हुआ प्रमाणपत्र ही लगाया जाना है। बीएसए दीवान सिंह यादव ने संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी कर 15 मार्च को प्रकरण में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
बीएसए ने कहा है कि इसके पूर्व भी छह मार्च को संबंधित प्रकरण में शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का निर्देश जारी किया गया था लेकिन नौ शिक्षक निर्धारित तिथि को साक्ष्य सहित उपस्थित नहीं हुए। सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होने पर बीएसए ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 15 मार्च को शाम चार बजे साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा है कि निर्धारित तिथि पर सुनवाई के लिए उपस्थित न होने पर यह माना जाएगा कि प्रकरण के संदर्भ में संबंधित शिक्षक को कुछ नहीं कहना है। इसके बाद शासनादेश के मुताबिक विभागीय कार्रवाई कर दी जाएगी।
पिता के स्थान पर पति के नाम का लगाया प्रमाणपत्र
कुछ नवनियुक्त शिक्षिकाओं ने जाति प्रमाणपत्र में पिता के स्थान पर पति के नाम से निर्गत सर्टिफिकेट लगाया है। जबकि महिला अभ्यर्थियों को जाति प्रमाणपत्र पिता के नाम से निर्गत हुआ प्रस्तुत किया जाना था। इस मामले में भी कुछ शिक्षिकाओं को नोटिस जारी की गई है।
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