नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसदी पाठ्यक्रम की पढ़ाई के आसार
■ प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंथन शुरू
■ बोर्ड परीक्षा के कारण अप्रैल व मई में कक्षाएं शुरू हो पाना मुश्किल
प्रयागराज : यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक कालेजों में नए शैक्षिक सत्र में भी 70 फीसद पाठ्यक्रम की ही पढ़ाई के आसार हैं। चालू शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ से 12 तक जो पाठ्यक्रम लागू है, उसे यथावत रखने पर मंथन चल रहा है। बोर्ड से शासन तक इस मुद्दे पर एकमत हुआ तो पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा। इस संबंध में इसी माह निर्णय होने के आसार हैं। इस कदम से बोर्ड के लाखों छात्र-छात्रओं को भी सहूलियत मिल सकेगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 27 हजार से अधिक माध्यमिक कालेजों में इस बार कुल पाठ्यक्रम का 70 फीसद ही ऑनलाइन व कक्षाओं में पढ़ाया गया। पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती कोरोना संक्रमण को देखते हुए की गई, क्योंकि लंबे समय तक कालेज खोले नहीं जा सके थे। अब एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है, इसके पहले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है। बोर्ड से लेकर शासन तक की इस पर नजर है। ऐसे हालात देखते हुए पाठ्यक्रम को यथावत रखा जा सकता है। पाठ्यक्रम कम रखने के लिए एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि भले ही सभी स्कूल एक अप्रैल से खुल जाएं, लेकिन यूपी बोर्ड की 2021 की परीक्षाएं अप्रैल व मई माह में प्रस्तावित हैं। परीक्षा के दौरान पढ़ाई प्रभावित होगी। इसके बाद शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में व्यस्त रहेंगे।
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