फतेहपुर : समय सारणी ने एमडीएम का बिगाड़ा खेल, सोमवार को फल व बुधवार को होता है दूध का वितरण, छात्र नहीं हो रहे लाभांवित
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा और दिनवार संचालन से छात्रों के निवाले पर असर पड़ रहा है। एमडीएम के भोजन के साथ ही दूध और फल वितरण से सभी छात्र लाभावित नहीं हो पा रहे हैं।
सप्ताह के छह दिनों में भोजन और दो दिन दूध और फल वितरण की योजना में राजकीय, सवित्त, परिषदीय और कक्षा आठ तक के छात्र छात्राओं के लिए लागू है। योजना मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सप्ताह के छह दिन विद्यालय में मेन्यू के अनुसार अलग-अलग तरीके का गर्मागर्म भोजन बनाकर रसोइयों के द्वारा परोसा जाता है। रविवार को छोड़कर प्रतिदिन छात्रों को भोजन के साथ ही सोमवार को फल और बुधवार को दूध वितरित किया जाता है। परिषदीय स्कूलों के संचालन का जो कैलेंडर बनाया गया है उससे एमडीएम योजना के उद्देश्यों को झटका लग रहा है। शासन की नीति के अनुसार संचालित हो रहे स्कूलों को समस्या ने जकड़ रखा है। स्थानीय स्तर पर आवाज उठाने के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल पा रहा है।
एमडीएम वितरण का चार्ट : सोमवार को भोजन तथा फल वितरण । कुधवार को भोजन तथा दूध वितरण।मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार को केवल भोजन वितरण।
स्कूल बंदी में मिला था राशन खाते में भेजा गया था धन
करोना संक्रमण के चलते 11 माह स्कूल में तालाढंदी रही है। ऐसे में शासन ने वितरण योजना का स्वरूप बदल दिया था। प्रति छात्र के लिए निर्धारित मानक के अनुसार राशन कोटेदार के द्वारा बच्चों को दिलाया गया था इसके आलावा कन्वर्जन कास्ट बैंक खातों में भेजी गई थी। अड़ अभिभावकों में नाराजगी है। कि शासन ने बिना सोचे समझे संचालन की योजना बना डाली है। संचालन के साथ ही सभी बच्चों को लाभावित करने का प्लान बनाना चाहिए।
एमडीएम वितरण में दिक्कतें दर्ज कराई गई हैं। इन दिक्कतों को लेकर निस्तारण के लिए अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है। अगर कोई निर्देश आता है तो उसका भी पालन करवाया जाएगा। एमडीएम के भोजन और दूध तथा फल वितरण को लेकर शासन में बात रखी जाएगी।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
लालच में स्कूल पहुंचते छात्र मास्साब होते असहज
एमडीएम के भोजन और फल दूध के वितरण के लालच में जिस दिन स्कूल नहीं जाना है उस दिन भी छात्र पहुंच जाते हैं। ऐसे में मास्साब असहज हो जाते हैं। भोजन और दूध, फल के लालच में आए छोटे से बच्चे को स्कूल से वापस कर दें या फिर वितरण में शामिल करें इसी उधेड़बुन में रहते हैं।
फतेहपुर : कक्षा दो और चार के बच्चों को न दूध, न फल, कक्षा एक और पांच के ही बच्चों को मिलेंगे फल, कक्षा तीन के बच्चों को मिलेगा सिर्फ दूध
फतेहपुर : प्राथमिक स्कूल खुलने के साथ बड़ी संख्या में बच्चे फल और दूध की व्यवस्था से दूर रहेंगे। बच्चों को बुलाने के लिए कक्षावार जो दिन निर्धारित किए गए हैं उसके हिसाब से कक्षा दो और चार के बच्चों को फल और दूध से वंचित रखना होगा। जबकि कक्षा एक और पांच के बच्चों को फल और कक्षा तीन के बच्चों को दूध मिल सकेगा। जिले में 1.54 लाख बच्चे कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं में पढ़ रहे हैं ।
एडेड और परिषदीय विद्यालय में सोमवार को एक मौसमी फल और बुधवार को 150 मिली लीटर चीनीयुक्त दूध देने का प्रावधान है। पहली मार्च से खुले कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में तय गाइड लाइन के अनुसार ही बच्चों को स्कूल आने की व्यवस्था लागू की गई है। फल वितरण के के लिए सोमवार का दिन निर्धारित है, इस दिन कक्षा एक और पांच के सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चे स्कूल बुलाए गए हैं। इसी तरह बुधवार को दूध दिया जाएगा और इस दिन सिर्फ कक्षा तीन में पढ़ने वाले 50 प्रतिशत बच्चे स्कूल आएंगे। अन्य बच्चों को दूध और फल की सुविधा से वंचित होना पड़ेगा। डीसी एमडीएम आशीष दीक्षित का कहना है कि तय गाइड लाइन के अनुसार ही बच्चे स्कूल बुलाए जा रहे हैं। जो बच्चे स्कूल में होंगे उन्हें तो योजना का लाभ मिलेगा फल और दूध वितरण का दिन पूर्व निर्धारित ही लागू रहेगा।
No comments:
Write comments