आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को फिर से मिलेगा गरम भोजन, करीब पांच साल बाद फिर शुरू होगी हॉट मील कुक्ड योजना
शिक्षा विभाग के पकाने के लिए बने किचन, गैस और बर्तन के इनकार के बाद नए सिरे से तैयार होगा प्रस्ताव
लखनऊ। बजट के अभाव में करीब पांच वर्ष से बंद गरम भोजन योजना (हॉट मील कुक्डयोजना) को योगी सरकार फिर से शुरू करने जा रही है। इसके लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने योजना के प्रारूप में संशोधन कर नए प्रावधानों को जोड़कर प्रस्ताव तैयार किया है। मंजूरी के लिए इसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए 2006 में योजना शुरू की गई थी। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गर्म खाना तैयार करके खिलाने की व्यवस्था थी।
पहले तैयार किए गए प्रस्ताव में योजना को बेसिक शिक्षा विभाग की मध्याह्न भोजन योजना के साथ चलाने का फैसला किया गया था । इसके तहत प्राइमरी विद्यालयों में भोजन सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रति बच्चा 50 पैसे की दर से किराये का भुगतान करना था, पर बेसिक शिक्षा ने हाथ खड़े कर दिए। इसके अलावा योजना के लिए खुले बैंक खातों में मातृ समिति अध्यक्ष का नाम हटा कर ग्राम प्रधान का नाम जोड़ने को लेकर विरोध हो गया। इसलिए अब नये सिरे से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसमें कई प्रावधान किए जाएंगे।
2013 में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में योजना को शामिल करने के बाद प्रदेश के सभी 1.88 लाख 250 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को भोजन दिया जा रहा था। करीब 6 साल तक बसपा और सपा सरकारों ने योजना को ठीक से चलाया, लेकिन 2016 में सपा शासनकाल में बजट रोक दिया गया। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं।तब से प्रदेश में योजना जमीनी स्तर पर बंद है, लेकिन कागजी तौर पर चलती रही। विभागीय सूत्रों का कहना है सरकार की मंशा के मुताबिक योजना के प्रारूप में कई बिंदुओं में बदलाव करने का प्रस्ताव नये सिरे से तैयार किया जा रहा है।
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