Google पढ़ाएगा CBSE के 15 हजार शिक्षकों को तकनीक का पाठ
नोएडा के छोटे व बड़े सीबीएसई स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 15 हजार शिक्षकों को गूगल तकनीक का पाठ पढ़ाएगा। सीबीएसई का शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए गूगल के साथ करार हुआ है। इसके लिए पांच सत्रों का आयोजन किया जाएगा। सीबीएसई ने सभी स्कूल संचालकों को सर्कुलर जारी कर दिया है। अच्छी बात यह है कि शिक्षक तकनीकि शिक्षा से ट्रेंड होकर जिले के छात्राओं को भी प्रशिक्षित कर सकेंगे।
जिले में सीबीएसई स्कूलों की संख्या करीब 170 है। इन स्कूलों में 3 लाख से अधिक छात्र व छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन स्कूलों में करीब 15 हजार शिक्षक अध्यापन कार्य में जुटे हैं। सीबीएसई के अनुसार, बोर्ड ने वर्चुअल शिक्षा तकनीक को सीखने के लिए कई बार ऑनलाइन ट्रेनिंग दी है। अब बोर्ड इसे और बेहतर बनाने के लिए गूगल से करार कर शिक्षकों को उन्नत तकनीकि शिक्षा से रूबरू कराएगा। इसमें शिक्षकों को प्रौद्योगिकी एकीकरण के विभिन्न मॉडलों को समझने, एकीकृत प्रौद्योगिकी योजनाओं को विकसित करने, विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और प्रौद्योगिकी यानि तकनीक को प्रयोग करने के तरीके पर बल दिया जाएगा। कोरोना के दृष्टिगत पूरी ट्रेनिंग वर्चुअली ही दी जाएगी। स्कूल संचालकों के अनुसार, गूगल से तकनीकि सीखने का लाभ यह होगा कि नई तकनीक की जानकारी इन स्कूलों में पढ़ने वाले शिक्षकों को भी होगी।
शिक्षकों की बनी आईडी
वर्चुअली ट्रेनिंग के लिए प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की आईडी बना दी गई है। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। इसी आईडी के माध्यम से शिक्षक व प्रधानाचार्य ट्रेनिंग से जुड़ेंगे। यदि किसी भी शिक्षक को आईडी संबंधित दिक्कत आती है तो वह सीबीएसई के सेंटर फॉर एक्सीलेंस में इसकी शिकायत कर निदान करा सकते हैं।
5 सत्रों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
गूगल पांच सत्रों में वर्चुअली प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 22 मार्च, 24 मार्च, 26 मार्च, 30 मार्च व अन्य एक और तारीख तय की गई है। ट्रेनिंग का निश्चित समय भी दिया गया है। प्रत्येक स्कूल गूगल से तकनीकि पाठ सीखने की तैयारियों में जुटा है। स्कूल संचालक इसे सकारात्मक दिशा में देख रहे हैं।
सीबीएसई के जिला समन्वयक रेणू सिंह ने बताया कि सीबीएसई का सर्कुलर मिला है। सीबीएसई ने शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए गूगल से करार कर अच्छी पहल की है। इससे दूर दराज क्षेत्र में छोटे सीबीएसई स्कूल, जोकि तकनीक से रूबरू नहीं हो पाते हैं। वहां के शिक्षक गूगल से प्रशिक्षण पाकर बच्चों को बेहतर तकनीकि ज्ञान दे सकेंगे।
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