एक्ट में संशोधन के बाद देंगे नए स्कूलों को मान्यता
यूपी बोर्ड के 100 साल पुराने अधिनियम में संशोधन के बाद नये स्कूलों को जारी की जाएगी मान्यता।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड के 100 साल पुराने अधिनियम में संशोधन के बाद नये स्कूलों को मान्यता जारी की जाएगी। संशोधन नहीं होने की वजह से ही सभी शर्तें पूरी करने एवं आवश्यक संसाधन होने के बावजूद पिछले साल 100 से अधिक नये स्कूलों को हाईस्कूलों को मान्यता नहीं दी जा सकी थी।
शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने 24 अगस्त 2020 को चार कमेटियां गठित करते हुए इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन का प्रस्ताव मांगा था। लेकिन अब तक संशोधन नहीं हो सका है। नये स्कूलों की मान्यता को लेकर हाईकोर्ट ने मंजू अवस्थी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में 6 नवंबर 2012 को निर्देश दिए थे।
हालांकि उसके बाद से अफसर आदेश की अनदेखी करते हुए नये स्कूलों को मान्यता देते आ रहे थे। सूत्रों के अनुसार पिछले साल शासन इसे लेकर गंभीर हो गया, यही कारण है कि नये स्कूलों को मान्यता नहीं दी गई। पहले से संचालित जिन स्कूलों ने अतिरिक्त विषय, कक्षा या 12वीं की मान्यता के लिए आवेदन किया था सिर्फ उन्हें मान्यता दी गई थी।
एक-दो दिन में जारी होगा संशोधित टाइम टेबल
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का संशोधित कार्यक्रम एक-दो दिन में जारी होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने संशोधित टाइम टेबल तैयार कर शासन को भेज दिया है। अगले सप्ताह किसी भी जारी हो सकता है।
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