यूपी बोर्ड में परीक्षार्थियों को प्रमोट करने का आधार नहीं तो आसार भी नहीं
लखनऊ: यूपी बोर्ड में परीक्षार्थियों को प्रमोट करने के आसार नहीं हैं। बोर्ड प्रशासन इस पर मंथन जरूर कर रहा है, लेकिन उसे फिलहाल ऐसा कोई आधार नहीं मिल रहा जिस पर वह छात्र-छात्रओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर सके।
ज्ञात हो कि बुधवार को सीबीएसई ने चार मई से होने वाली हाईस्कूल व इंटर परीक्षाओं के संबंध में बड़ा निर्णय लिया। हाईस्कूल की परीक्षा रद हो गई, उनके परीक्षार्थी अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। वहीं, इंटर के संबंध में एक जून को निर्णय लिया जाएगा। भले ही इन दिनों सीबीएसई व यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम लगभग समान हो गया है लेकिन, दोनों की परीक्षा प्रणाली में बड़ा अंतर है।
सीबीएसई में जहां मासिक टेस्ट के अलावा छमाही व वार्षिक परीक्षा का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन है। इससे केंद्रीय बोर्ड छात्र-छात्रओं के प्रदर्शन के आधार पर हाईस्कूल में प्रमोट आसानी से कर सकता है। इसके उलट यूपी बोर्ड में कक्षा नौ तक का रिकॉर्ड बोर्ड मुख्यालय पर नहीं भेजा जाता, मासिक टेस्ट होते नहीं और छमाही का रिजल्ट भी सभी स्कूल नहीं देते। इधर प्री बोर्ड यानी हाईस्कूल व इंटर परीक्षा से पहले स्कूल स्तर की परीक्षा कराने पर जोर दिया गया। इस बार फरवरी में इम्तिहान हुए भी हैं लेकिन, उसका रिकॉर्ड भी बोर्ड के पास नहीं है।
यूपी बोर्ड में अधिकांश कालेज वित्तविहीन हैं, जबकि राजकीय व अशासकीय कालेज एक तिहाई ही हैं। अब यदि बोर्ड जिलों से नौवीं और प्री बोर्ड का रिकॉर्ड मांगे तो स्थिति असहज हो सकती है। सीबीएसई के निर्णय के बाद से इस ओर मंथन जरूर हुआ, लेकिन प्रमोट करने का निर्णय का आधार नहीं मिल रहा।
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