शिक्षक की मौत की खबर का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
बताते चलें कि
जनपद सुलतानपुर में एक बुखार पीड़ित शिक्षक अधिकारियों के सामने कराहता-गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन ड्यूटी नहीं कटी पीठासीन अधिकारी बनाकर उसे बूथ पर भेज दिया गया। जहां चुनाव के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और जिला अस्पताल में मौत हो गई। रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है।
लम्भुआ के कोटिया निवासी सुरेशचंद्र त्रिपाठी दूबेपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय उतुरी में सहायक अध्यापक नियुक्त थे। उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाकर चांदा के कोथराखुर्द भेज दिया गया। उन्हें कई दिनों से बुखार आ रहा था। कई बार कोशिश के बाद भी उनकी कोरोना जांच नहीं हुई ।
अधिकारियों से वह जांच करवाने और ड्यूटी कटवाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन न जांच हुई और न ही ड्यूटी कटी। सोमवार के दोपहर चुनाव के दौरान उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस पर राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान लिया गया है।
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