DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, April 24, 2021

लखनऊ : कोरोना के चलते स्कूलबन्दी पर निजी स्कूल प्रबंधकों ने सरकार से आर्थिक पैकेज मांगा

लखनऊ : कोरोना के चलते स्कूलबन्दी पर निजी स्कूल प्रबंधकों ने सरकार से आर्थिक पैकेज मांगा


निजी स्कूल के शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करें। बीते वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावकों ने फीस देने से इनकार कर दिया था। लिहाजा शिक्षकों के सामने वेतन का संकट है।


स्कूल बीच में कुछेक दिनों के लिए खुले जरूर लेकिन नए सत्र की शुरुआत से पहले ही बंद कर दिए गए। शिक्षक संगठनों ने जुलाई से नए सत्र की मांग की है। वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी ने कहा है कि इन स्कूलों के 3.50 लाख शिक्षक भुखमरी की कगार पर हैं। 90 फीसदी शिक्षकों को एक साल से वेतन नहीं मिल रहा है। वे घर बैठ गए हैं क्येांकि प्रबंधकों ने नए प्रवेश होने पर ही बुलाने का आश्वासन दिया है। सरकार जुलाई से नया सत्र करे तो इससे लाभ मिल सकता है। 


प्रदेश में 21 हजार से ज्यादा निजी स्कूल हैं जो यूपी बोर्ड से जुड़े हैं। बीते वर्ष नया सत्र शुरू होने से पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन हो गया। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। इस वर्ष लगभग एक महीने से भी कम समय के लिए स्कूल खुले लेकिन अभिभावक जब तक फीस जमा करते तब तक फिर स्कूल बंद कर दिए गए। इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक अमूमन निम्न आय वर्ग से आते हैं। लिहाजा बामुश्किल 10 फीसदी फीस भी नहीं जमा हो पाई। इस वर्ष भी अभिभावकों ने स्कूल खुलने पर फीस जमा करने के लिए कहा है। फीस न होने पर प्रबंधकों ने शिक्षकों को वेतन नहीं दिया था।

No comments:
Write comments