स्कूलों में शिक्षकों को बुलाने से बढ़ा कोरोना का खतरा
प्रयागराज जिले में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच परिषदीय विद्यालयों के साथ सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड के स्कूलों में शिक्षकों को जबरन बुलाया जा रहा है। स्कूलों की मनमानी के चलते कई शिक्षक संक्रमित हो गए। बच्चों के लिए स्कूल बंद होने के बाद भी जब ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे समय में शिक्षकों पर जान का खतरा बन गया है। शिक्षक नौकरी पर खतरा देखकर कोरोना संकट के बीच जान खतरे में डालकर स्कूल जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते जिले के कई शिक्षक बीमार पड़े हैं, कई शिक्षक मौत के मुंह में पहुंच गए हैं। निजी स्कूल वाले ऑनलाइन क्लास के लिए शिक्षकों पर स्कूल आने का दबाव बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष अशोक कुमार की शुक्रवार को कोरोना से मौत हो गई। इसी प्रकार एक दिन पहले भी प्रतापगढ़ में एक महिला शिक्षक की कोरोना से मृत्यु हो गई। जिले में सरकारी एवं निजी स्कूलों के बड़ी संख्या में शिक्षक कोरोना के चपेट में हैं।
शासन का आदेश है कि कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों को बुलाया जाए। इसके बाद भी स्कूल शिक्षा महानिदेशक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को स्कूल बुला रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षकों को स्कूल बुलाने से उनकी जान को खतरा है। जब सभी को घर से बाहर नहीं निकलने को मना किया जा रहा है तो ऐसे समय में शिक्षकों को बिना काम स्कूल बुलाने का क्या मतलब है।
माध्यमिक शिक्षक के पूर्व मंत्री एवं शिक्षक विधायक के जिला प्रतिनिधि अनुज कुमार पांडेय का कहना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक को शनिवार को ज्ञापन सौंपकर विद्यालय बंद करने की मांग की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा का कहना है। कि वह सोमवार तक इस बारे में निर्णय लेंगे।
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