परीक्षा कराना ही चुनौती, मिशन गौरव को भूला यूपी बोर्ड
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की स्थापना के 100 साल पर होने वाले आयोजन शुरू नहीं हो सके। बोर्ड ने मिशन गौरव नाम से अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक शताब्दी वर्ष मनाने का फैसला लिया था। लेकिन कोरोना और पंचायत चुनाव के बीच परीक्षा कराना ही चुनौती साबित हो रहा है, ऐसे में मिशन गौरव के आयोजन की फिलहाल कोई तैयारी नहीं है।
शताब्दी समारोह के लिए दिसंबर के प्रथम सप्ताह में सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों, उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी हुए थे। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी डीआईओएस से जिलों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर लब्ध प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सूची संकलित करने के साथ ही पोर्टल पर पंजीकरण कराने को कहा था।
शताब्दी समारोह को गति प्रदान करने के लिए प्रधानाचार्यों से संकलित क्षेत्रवार/वर्षवार सूची बोर्ड मुख्यालय को 31 दिसम्बर तक उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन पंजीकरण ही पूरा नहीं हो सका है। यही नहीं शताब्दी वर्ष समारोह के लिए 28 दिसम्बर से 4 जनवरी के बीच ऑनलाइन लोगो और गीत प्रतियोगिता होनी थी। मंडल स्तर पर प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ तीन-तीन प्रविष्टियों का चयन कर यूपी बोर्ड मुख्यालय को 9 जनवरी तक अनिवार्य रूप से भेजने को कहा गया था। लेकिन इस प्रतियोगिता के विजेता की घोषणा आज तक नहीं हो सकी।
नया पोर्टल बनेगा, परीक्षा बाद होंगे आयोजन
मिशन गौरव के लिए यूपी बोर्ड नया पोर्टल लांच करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार लोगो और स्लोगन के लिए प्रविष्टियां फिर से मांगी जाएंगी। फिलहाल बोर्ड का पूरा स्टाफ परीक्षा तैयारियों में जुटा है। इसलिए मिशन गौरव से जुड़े कार्यक्रम परीक्षा बाद होंगे।
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