जानिए CBSE ने कौन से किए दो बड़े बदलाव
● आवेदन करने पर ही छात्र को मिलेगा माइग्रेशन सर्टिफिकेट
लखनऊ : सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट छात्र-छात्रओं के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। अब सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को बोर्ड माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कापी मिलेगी, जिन्हें सीबीएसई से अलग दूसरे बोर्ड में दाखिला लेना होगा। ऐसे छात्रों को स्कूल के माध्यम से बोर्ड में आवेदन करना होगा। बोर्ड उन्हीं का सर्टिफिकेट ¨पट्र करवाएगा। इस संबंध में बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने सीबीएसई स्कूलों को सकरुलर जारी कर दिया है।
दरअसल, माइग्रेशन सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसकी आवश्यकता तभी होती है जब एक छात्र दसवीं कक्षा के बाद दूसरे बोर्ड में या 12वीं के छात्र पास होकर उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेते हैं, लेकिन ज्यादातर स्कूल सभी छात्रों के माइग्रेशन जारी करने के लिए आवेदन कर देते हैं। ऐसे में बोर्ड ने फैसला लिया है कि जब छात्र बोर्ड बदलेगा तो उसे आवेदन करना होगा। बाकी विद्यार्थियों के माइग्रेशन सर्टिफिकेट रिजल्ट के बाद डिजी लाकर में उपलब्ध रहेगा। उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने पर डिजी लाकर के माध्यम से आनलाइन सत्यापन हो जाएगा।
● दो साल में अतिरिक्त विषय की दे सकेंगे परीक्षा :
सीबीएसई ने परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अतिरिक्त विषय से पुन: परीक्षा देने की समय सीमा में भी बदलाव कर दिया है। अब छह साल की जगह छात्र के पास सिर्फ दो साल का ही मौका रहेगा। इसमें वह सिर्फ थ्योरी के अतिरिक्त विषय से ही परीक्षा दे सकेगा। प्रैक्टिकल के विषय में यह मान्य नहीं होगा। यह नियम 2021 की परीक्षा से लागू होगा। बोर्ड ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।
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