जानिए यूपी बोर्ड 10 परीक्षा रद्द किए जाने पर क्या बोले शिक्षा विशेषज्ञ
बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त करने के सरकार के निर्णय को पूर्व सचिव बिल्कुल सही मानते हैं। उनका कहना है कि विपरीत परिस्थितियों में इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रस्तुत है पूर्व सचिवों की राय...
यूपी बोर्ड की पूर्व सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा, 'कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियां होने से यह निर्णय लिया गया। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। अभी बच्चों के टीके नहीं हैं। बच्चों का टीकाकरण हो जाता तो बात अलग होती। वर्तमान परिस्थितियों में यह निर्णय उचित है।'
यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव और माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक अमरनाथ वर्मा बच्चों का जीवन महत्वपूर्ण है। हमें अच्छा लग रहा है। हाईस्कूल की परीक्षा बहुत मायने नहीं रखती। 12वीं के बच्चों को भी प्रमोट कर देना चाहिए। आज विश्वविद्यालय में दाखिले से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल हर जगह कंपटीशन होता है। ऐसे में 10वीं या 12वीं की परीक्षा क्या मायने रखती
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