सीबीएसई में 12वीं के छात्रों के लिए राहत भरी खबर, विज्ञान के स्टूडेंट्स भी पढ़ सकते हैं इतिहास-भूगोल
सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति लागू करते हुए संकाय की बाध्यता समाप्त कर दी है।
Good news of CBSE student सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति लागू करते हुए संकाय की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्र इतिहास व भूगोल जैसे विषय चुन सकेंगे। इससे छात्र-छात्राओं के लिए संकाय की बाध्यता खत्म हो गई है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने नई शिक्षा नीति लागू करते हुए संकाय की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्र इतिहास व भूगोल जैसे विषय चुन सकेंगे। एसोसिएशन ऑफ पब्लिक स्कूल्स के अध्यक्ष के डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि इस वर्ष से सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति लागू कर दी है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद
इससे छात्र-छात्राओं के लिए संकाय की बाध्यता खत्म हो गई है। पहले मुख्यत: 12वीं के छात्र विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय की पढ़ाई करते थे, लेकिन अब कोई छात्र विज्ञान के साथ इतिहास या भूगोल विषय की पढ़ाई कर सकता है। सीबीएसई के नए पैटर्न से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद है।
अब विषय आधारित होगी पढ़ाई
अब संकाय के बदले विषय आधारित पढ़ाई होगी। विज्ञान के छात्र कला या वाणिज्य के विषयों के चयन के लिए स्वतंत्र होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि विषय आधारित पढ़ाई करने से स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ जाएगी। पहले कई स्कूल विज्ञान संकाय पढ़ाते थे। अब अगर उनका छात्र इतिहास विषय का चयन करता है तो अब इस विषय का भी शिक्षक रखना होगा। उसी तरह कला संकाय पढ़ाने वाले स्कूलों को अब विज्ञान के शिक्षकों को भी रखना पड़ सकता है, क्योंकि छात्र इतिहास के साथ-साथ विज्ञान के विषयों का चयन कर सकते हैं।
इंटरनेशनल पैटर्न पर होगी पढ़ाई
विशेषज्ञों का कहना कि जिस व्यवस्था को इस वर्ष सीबीएसई ने लागू किया है, वह विदेशों में पहले से ही लागू है। नई शिक्षा नीति लागू होने से सीबीएसई का पैटर्न अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। इससे भारतीय छात्रों को विदेशों में पढ़ाई करने में सुविधा होगी। इसके साथ ही सीबीएसई के नए पैटर्न से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
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