12वीं बोर्ड : मुख्य विषयों की परीक्षा के लिए प्रस्ताव तैयार, सरकार और राज्यों की बैठक में सीबीएसई दे सकता है प्रस्ताव, कोरोना के कारण शामिल न होने वालों को बाद में मौका
नई दिल्ली : छात्रों के भविष्य को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए। इसी के तहत सीबीएसई 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की बजाय विभिन्न विकल्पों की तैयारी कर रहा है। रविवार को केंद्र और राज्यों की बैठक के लिए तीन प्रस्ताव भी विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 12वीं बोर्ड परीक्षा के आधार पर ही उच्च शिक्षा और नौकरी में तवज्जो मिलती है। इसलिए पिछले साल की तर्ज पर 12वीं बोर्ड परीक्षा मुख्य विषयों यानी मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा लेने पर विचार किया जाए। जबकि अन्य बचे विषयों का मूल्यांकन से मार्किंग के लिए कोई फार्मूला बनाने और जो छात्र कोविड 19 के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे, उन्हें अलग से मौका दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, बेशक कुछ राज्य और छात्रों समेत सामाजिक कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर परीक्षा रद्द करने का अभियान चलाए हुए हैं।
पहला प्रस्ताव : मुख्य विषयों की परीक्षा करवाना है। एक छात्र 12वीं कक्षा में पांच या छह विषयों की पढ़ाई करता है। जबकि उसमें से चार मुख्य विषय होते हैं। बोर्ड ने 12वीं क्लास में 174 विषयों को रखा है। हालांकि इसमें से सिर्फ 20 ही मुख्य विषय है। इनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेंसी, जियोग्राफी, इकोनोमिक्स और इंग्लिश आदि शामिल हैं। मुख्य विषयों की परीक्षा तय परीक्षा केंद्र या उनके स्कूल वाले भवनों में ही आयोजित करवायी जाए।
दूसरा प्रस्ताव : सभी विषयों की परीक्षा ली जाए। हालांकि परीक्षा समय 90 मिनट का हो । इसमें पेपर में वैकल्पिक और छोटे प्रश्न ही पूछे जाएं। यानी छात्र जल्दी से जल्दी परीक्षा देकर निकलें और इस विधि से उसे अधिक तनाव भी नहीं होगा।
तीसरा प्रस्ताव : 12वीं क्लास की परीक्षा में एक पेपर भाषा और तीन पेपर इलेक्टिव विषय के हों। जबकि पांचवें और छठे विषय के अंक इलेक्टिव विषयों में मिले अंक के नंबर के आधार पर दिये जाएं।
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