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Wednesday, May 19, 2021

यूपी बोर्ड परीक्षा 2021 : अधिनियम में छमाही-प्री बोर्ड परीक्षा अनिवार्य नहीं, कैसे देंगे रिजल्ट

यूपी बोर्ड परीक्षा 2021 : अधिनियम में छमाही-प्री बोर्ड परीक्षा अनिवार्य नहीं, कैसे देंगे रिजल्ट
 
कोरोना काल में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक और पूर्णांक मांगने के बाद बोर्ड परीक्षा निरस्त करने की चर्चा तेज हो गई है। हालांकि बोर्ड जिस तरह 10वीं के 2994312 छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत करने की तैयारी में है उसमें कुछ अड़चनें हैं। यूपी बोर्ड के अधिनियम में छमाही या प्री बोर्ड परीक्षा कराने का कोई प्रावधान नहीं है।



आज से एक दशक पहले 26 जुलाई 2011 को बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा में व्यापक फेरदबल किया था। जिसमें लिखित परीक्षा 100 अंकों से घटाकर 70 अंक की कर दी थी और 30 नंबर आंतरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए गए थे। स्कूल स्तर पर होने वाले आंतरिक मूल्यांकन का रिकॉर्ड तो मिल जाएगा लेकिन बड़ी संख्या में स्कूलों ने छमाही और प्री बोर्ड परीक्षाएं कराई ही नहीं हैं। इस कारण लाखों छात्र-छात्राओं के प्राप्तांक और पूर्णांक का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में उन्हें 11वीं कक्षा में प्रोन्नत किस आधार पर करेंगे। 

हालांकि बोर्ड के अधिकारी कह रहे हैं कि 13 अगस्त 2020 को जारी शैक्षिक पंचांग में फरवरी के तीसरे और चौथे सप्ताह में प्री बोर्ड परीक्षा के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जिन स्कूलों ने प्री बोर्ड परीक्षा नहीं कराई, उनका क्या होगा? इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है। वैसे कहा तो यह भी जा रहा है कि बोर्ड के पास चार विकल्प हैं। बोर्ड ने चारों विकल्प के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। अंतिम निर्णय शासन को लेना है।

पहला विकल्प: छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर प्रोन्नत करने की चर्चा है। 
दूसरा विकल्प: गुजरात बोर्ड की तरह सभी बच्चों को पिछला शैक्षणिक रिकॉर्ड देखे बिना सीधे प्रमोट कर दें। 
तीसरा विकल्प: स्कूल के पिछले तीन साल के रिकॉर्ड को आधार बनाकर औसत परीक्षाफल घोषित कर दें
चौथा विकल्प: इंटर परीक्षा के साथ ही हाईस्कूल परीक्षा भी कराई जाए, भले ही परीक्षा अगस्त में हो।


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