आजमगढ़ : मदरसों में फर्जी नियुक्ति में नपेंगे कुछ और अफसर, एसआईटी को मिले मिलीभगत के साक्ष्य, जल्द होगी पूछताछ
20 मदरसों के स्थलीय निरीक्षण में मिली है। चौंकाने वाली जानकारी
02 अफसरों को निदेशालय के प्रथम दृष्टया पाया गया है दोषी
लखनऊ : मदरसों में अनियमित ढंग से हुई। नियुक्तियों के मामले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय भी जांच के घेरे में आ गया है। प्रदेश पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को प्रारंभिक जांच में ही निदेशालय की मिली भगत के साक्ष्य मिले हैं। एसआईटी ने दो अफसरों को तो प्रथम दृष्ट्या दोषी भी पाया है। जल्द ही निदेशालय व मदरसा बोर्ड के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने पूछताछ हो सकती है। जांच में सामने आया है कि आजमगढ़ में एक सोसाइटी के अध्यक्ष ने अपनी बेटी को प्रधानाचार्य बना दिया और बाकी दो बेटियों को सहायक अध्यापक...।
एसआईटी को आजमगढ़ के 20 मदरसों के स्थलीय निरीक्षण तथा मदरसों एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से प्राप्त अभिलेखों की जांच से चौंकाने वाली जानकारी मिली मदरसों में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की गई, जिनके प्रमाणपत्र ऐसी संस्था से निर्गत थे जो न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार की किसी संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। कुछ शिक्षक तो अपने पद पर नियुक्ति के अनुरूप शैक्षिक योग्यता ही नहीं रखते थे। कुछ की नियुक्ति सहायक अध्यापक आलिया के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता फाजिल के 55 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त होने पर भी की गई। एक शिक्षक द्वारा एक अंक के ग्रेस मार्क से तृतीय श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की गई है। इसी तरह एक शिक्षक द्वारा तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव दर्शाया गया। यह अनुभव प्रमाणपत्र जिस मदरसे से जारी किया गया वह उस समय मान्यता प्राप्त ही नहीं था ।
अपनी चारों बेटियों को बना दिया शिक्षक
एसआईटी की जांच में पता चला कि मदरसा जामिया नुरूल ओलूम मुबारकपुर आजमगढ़ में तो बेहद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया यह मदरसा अंजूमन सिद्दीकीया जामिया नुरूल ओलूम मुबारकपुर सोसाइटी के द्वारा संचालित है। सोसाइटी के अध्यक्ष ने खुद चयन समिति का अध्यक्ष बनकर अपनी चार बेटियों में से एक तो प्रधानाचार्य तथा तीन को सहायक अध्यापक नियुक्त कर दिया। यह नियुक्तियां वर्ष 2013 से 2014 के बीच की गई हैं।
आजमगढ़ के मदरसों में फर्जी नियुक्ति : कुल 21 लोगों के खिलाफ एसआईटी ने दर्ज कराया केस, कई बड़े नाम शामिल।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्ति मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद एसआईटी ने कुल 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें कई बड़े नाम शामिल हैं।
आजमगढ़ के मदरसों में फर्जी नियुक्तियों के मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद लखनऊ स्थित एसआईटी थाने में 21 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसआईटी द्वारा लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराने की खबर मिलते ही मदरसा प्रबंधकों में हड़कंप मच गया।
जिले के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों का मामला वर्ष 2017 में प्रकाश में आया था। मदरसा प्रबंधकों द्वारा फर्जी तरीके से शिक्षकों की तैनाती दिखा कर सरकारी अनुदान का गबन किया जा रहा था। शासन ने इस प्रकरण की जांच वर्ष 2020 में एसआईटी को सौंपी थी।
जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद एसआईटी थाना लखनऊ में मदरसा जामिया नुरूल उलूम के अध्यक्ष जहीर अहमद, प्रबंधक अहमदुल्लाह समेत 21 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इसमें अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय, रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
जिले के जिन मदरसों की जांच हुई है उनमें मुबारकपुर के मदरसा जामिया नुरुल उलूम, मदरसा अशरफिया सिराजुल उलूम नेवादा अमिलो, अरबिया दारूतालीम सोफीपुरा, बाबुल ईल्म निस्वां, जफरपुर का मदरसा अरबिया जियाउल उलूम मंदे, बम्हौर का मदरसा मदरसतुल आलिया शेख रज्जब अली, जामिया अरबिया तनवीर उल उलूम नौशहरा, अरबिया कासिमुल मगरांवा, इस्लामिया जमीअतुल कुरैश जालंधरी समेत कुल 20 मदरसे शामिल है।
मामले में एसआईटी, लखनऊ के डीजी राजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि एक आरटीआई के माध्यम से आजमगढ़ व मिर्जापुर जिले के मदरसों में फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ था। इसके बाद ही शासन ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जीवाड़े की बात थी। जांच में आरोप की पुष्टि होने पर एसआईटी थाने में कुल 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
इन लोगों पर भी हुआ है मुकदमा
फर्जीवाड़े के इस प्रकरण में इन मदरसा प्रबंधकों अख्तर अब्बास, फैजान अहमद, मोहम्मद आरिफ, गुलाम मोहम्मद, गयासुद्दीन, हाफिजुर रहमान के अलावा सहायक अध्यापक गयासुर रहमान, अब्दुल अलीम, अब्बास अली, बरकत अहमद, यासमीन अख्तर ,अरमान अहमद खान, मोहम्मद मेहंदी, साजिदा बानो तथा लिपिक शादाब अहमद, फहीम एजाज, मोहम्मद अरशद, मोहम्मद शाहनवाज और चपरासी मुश्ताक अहमद के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
No comments:
Write comments