बेसिक शिक्षकों को स्वास्थ्य लाभ में कोविड ड्यूटी का अड़ंगा, 28 दिन का भुगतान सहित अवकाश देने का है नियम
प्रयागराज : कोविड कंट्रोल रूम में परिषदीय स्कूलों के 150 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें शिफ्टवार अध्यापक कार्य कर रहे हैं। पिछले दिनों एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई थी। वे सभी आइसोलेशन में चले गए। कुछ को इलाज कराने के लिए अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा। अब इन्हें दोबारा ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है, जब कि शासन का निर्देश है कि 28 दिन बाद ही स्वस्थ होने पर ड्यूटी के लिए बुलाया जाए।
पीड़ित शिक्षक उमाशंकर यादव का कहना है कि अधिकांश शिक्षक अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं। जिनकी रिपोर्ट कोविड निगेटिव आई है वह शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो चुके हैं। वे अब भी आइसोलेशन में हैं। ऐसे में विभाग की तरफ से दोबारा ड्यूटी पर 28 दिन से पहले बुलाना जान के साथ खिलवाड़ है।
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद व उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि पहले प्रशासन ने पंचायत चुनाव के नाम पर अध्यापकों की जान के साथ खिलवाड़ किया। नतीजा हुआ कि तीन दर्जन से अधिक शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए। 30 से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है।
28 दिन का भुगतान युक्त अवकाश देने का नियम : अपर मुख्य सचिव सुरेश चंद्र की ओर से निर्देश में कहा गया है कि कोविड से पीड़ित कर्मचारियों को उनके नियोजकों की ओर से 28 दिन का भुगतान युक्त अवकाश दिया जाएगा। ऐसा अवकाश तभी अनुमन्य होगा जब ऐसे कर्मचारी स्वस्थ होने के बाद अपने नियोजक या प्राधिकृत व्यक्ति को चिकित्सा प्रमाणपत्र देंगे।
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