जांच बरकरार, बर्खास्त शिक्षकों का आंकड़ा 80 के पार, बेसिक शिक्षा विभाग एफआईआर में चुस्त, रिकवरी में सुस्त
गोरखपुर : परिषदीय विद्यालयों के बर्खास्त फर्जी शिक्षकों
की संख्या बढ़ती जा रही है। विभागीय जांच में जनपद में बर्खास्त शिक्षकों का आंकड़ा 80 के पार पहुंच गया है। बीते दो वर्षों में विभाग की कार्रवाई पर नजर डालें तो फर्जी अंक पत्र और प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी के आरोप में 83 शिक्षक बर्खास्त और दो दर्जन निलंबित किए जा चुके हैं।
बर्खास्त शिक्षकों में सर्वाधिक 43 शिक्षक गोरखपुर जिले के हैं। 14 फर्जी शिक्षकों के साथ देवरिया दूसरे और तीसरे नंबर पर बलिया है। जहां छह फर्जी शिक्षक पदमुक्त किए गए हैं। बर्खास्त शिक्षकों में एक बिहार का भी है। जनपद में शिक्षकों के सर्वाधिक फर्जी मामले आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। यदि जांच नहीं होती तो अभी भी फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे होते। कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें बर्खास्तगी के बाद ढूंढना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
मुकदमे में चुस्त, रिकवरी में सुस्तः बेसिक शिक्षा विभाग ने मुकदमे में तो चुस्ती दिखाई, लेकिन रिकवरी करने में सुस्त है। विभाग ने बर्खास्तगी के बाद 73 फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा कराया। इन शिक्षकों से लगभग 39 करोड़ की रिकवरी होनी है। इनमें से सर्वाधिक रिकवरी पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककरही की बर्खास्त शिक्षिका सुधा देवी से 8412958, प्राथमिक विद्यालय महुआपार के बर्खास्त शिक्षक सुरेश कुमार से 8233249 तथा प्राथमिक विद्यालय नौंवापार के बर्खास्त शिक्षक शिव बचन सिंह से 8282063 रुपये की होनी है।
फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर विभाग गंभीर है। शिकायत मिलने पर जांच कराई जा रही है। जांच में जिन शिक्षकों के फर्जी होने की पुष्टि हो रही है उनके विरुद्ध सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा रही है।
बीएन सिंह, बीएसए
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