कोविड से ठहर गई कायाकल्प योजना, अधिकांश स्कूलों की नहीं बदली सूरत
आजमगढ़। आपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करना है। विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों व अन्य कार्यों पर बड़ी धनराशी खर्च की जा रही है इसके बावजूद विद्यालयों की सूरत नहीं बदली है।
कायाकल्प के नाम पर परिषदीय स्कूलों में बड़ी धनराशि खर्च की जा रही है। पर धरातल पर यह नजर नहीं आ रहा है। क्षेत्र के कई स्कूल आज भी सुविधाविहीन हैं। फर्श टूटी है विद्यालयों के परिसर चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गए। यह सब जिम्मेदारों की जानकारी में है मगर वह कुछ नहीं कर रहे हैं।
जिले में करीब 2702 परिषदीय विद्यालय है जिसमें 1737 प्राथमिक व 484 उच्च प्राथमिक व 481 कंपोजिट विद्यालय शामिल हैं। इनमें करीब चार लाख 11 हजार 727 बच्चे अध्ययनरत है। राज्य सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के तहत उक्त विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं में सुधार एवं संतृप्तिकरण के आदेश दिए हैं। ग्राम प्रधान व पंचायती राज विभाग की ओर से प्रस्तावित कार्यों को पूरा किया जाना था।
तय बिंदुओं पर सुधारात्मक कार्य बेसिक शिक्षा और पंचायती राज विभाग के आपसी समन्वय से पूरे होने थे लेकिन बहुतायत ऐसे विद्यालय हैं जिसमें अभी तक कार्य ही नहीं हो सके। बीएसए अम्बरीष कुमार ने बताया कि करीब एक हजार विद्यालय ऐसे हैं जिनमें 14 बिंदुओं पर काम पूरा कर लिया गया है। बाकी के विद्यालयों में कोरोना संक्रमण के कारण सभी कार्य रुक गए हैं। जल्द ही उनमें भी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और स्कूल के छात्रों को आधुनिक शिक्षा और उपकरण के जरिए शिक्षित किए जाएंगे।
इन बिंदुओं पर कराया जाएगा काम
आजमगढ़। कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों के तय मानकों के अनुसार ब्लैक बोर्ड, छात्र संख्या के अनुरूप शौचालय और मूत्रालय का निर्माण, स्वच्छ पेयजल और मल्टीपल हैंडवॉशिंग सिस्टम, जल निकासी की सुविधा उपलब्ध करानी थी। साथ ही विद्यालय की दीवार, छत की मरम्मत, कमरों के फर्श पर टाइल्स, विद्युतीकरण कार्य, किचिन शेड का जीर्णोद्धार, फर्नीचर, चाहरदीवारी और गेट, इंटरलॉकिंग टाइल्स और अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण, दीवारों पर पेंटिंग अन्य कार्य स्थानीय आवश्यकतानुसार कराए जाने हैं।
विद्यालय पर लगेगा कार्यों का बोर्ड
आजमगढ़। ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत परिषदीय विद्यालयों में प्रस्तावित कार्य और उन पर होने वाले खर्च का ब्यौरा ग्राम प्रधान को विद्यालय में बोर्ड पर लिखकर देना होगा। इससे आम आदमी भी जान सके कि ग्राम पंचायत विद्यालय में किस मद से कितनी राशि किस कार्य पर खर्च कर रही है।
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