यूपी : स्नातक स्तर पर लागू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति तहत जुलाई से लागू करने की तैयारी
सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में जुलाई से न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी चल रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति तहत सूबे के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में जुलाई से न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी चल रही है। शासन के निर्देश पर प्रथम चरण में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम तैयार भी कर लिए गए हैं।
वाराणसी । राष्ट्रीय शिक्षा नीति तहत सूबे के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में जुलाई से न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी चल रही है। शासन के निर्देश पर प्रथम चरण में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम तैयार भी कर लिए गए हैं। सभी राज्य विश्वविद्यालयों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने समाज कार्य सहित कई विषयों का पाठ्यक्रम संशोधित कर शासन को भी भी दिया है। इसमें स्थानीय आधार पर काशी विद्यापीठ ने तीस फीसद संशोधन किया है। हालांकि सभी विश्वविद्यालयों में अपने स्तर से पाठ्यक्रमों में तीस फीसद संशोधित कर लागू करने की छूट दी गई है।
शासन ने स्नातक स्तर पर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम बनाने के लिए विषयवार अलग-अलग समिति गठित की है। समाज कार्य का पाठ्यक्रम बनाने के लिए गठित समिति में काशी विद्यापीठ के एसोसिएट प्रोफेसर डा. केके सिंह भी शामिल थे। शासन ने सभी समितियों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहली यूनिट में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विषय वस्तु रखने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रथम व द्वितीय वर्ष में रिसर्च ओरिएंटेड जोड़ने का सुझाव दिया गया था तथा तीसरे वर्ष प्रोजेक्ट वर्क रखा गया है। वहीं स्नातक स्तर पर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम आठ सेमेस्टरों में तैयार किया गया है ताकि आने वाले समय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू किया जा सके। हालांकि अभी कई विषयों का पाठ्यक्रम तीन सेमेस्टर में ही तैयार किया गया है। दो सेमेस्टर के पाठ्क्रम बनाने की प्रक्रिया अब भी जारी है।
डा. केके सिंह ने बताया कि शासन ने बताया कि स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में बीच में पढ़ाई छोड़ देने के बाद भी विद्यार्थियों का साल नहीं बर्बाद होगा। एक वर्ष पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी प्रकार दूसरे वर्ष डिप्लोमा, तीसरे वर्ष एडवांस डिप्लोमा व चौथे वर्ष डिग्री मिलेगी। स्नातक करने के बाद विद्यार्थी सीधे रिसर्च भी कर सकता है।
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