शुल्क भरपाई के लिए नैक व एनबीए की ग्रेडिंग की अनिवार्यता होगी खत्म, निजी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों को मिलेगी बड़ी राहत, समाज कल्याण विभाग निदेशालय ने तैयार किया प्रस्ताव, शीघ्र शासन को भेजा जाएगा।
लखनऊ : कोरोना संकट के दौर में निजी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में शुल्क भरपाई के लिए नैक और एनबीए की ग्रेडिंग की अनिवार्यता से वर्ष 2024-25 तक छूट रहेगी। इसके लिए समाज कल्याण विभाग निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही शासन को भेजा जाएगा।
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में वर्ष 2020-21 से निजी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के लिए क्रमशः नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) और नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) की ग्रेडिंग अनिवार्य कर दी गई थी। स्थिति का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि प्रदेश में 28 निजी विश्वविद्यालय हैं, इनमें से सिर्फ पांच के पास ही नैक की ग्रेडिंग है। वहीं, करीब दो हजार तकनीकी संस्थानों में बमुश्किल 25 ही एनबीए ग्रेडिंग प्राप्त हैं।
नतीजतन पिछले वित्त वर्ष में ग्रेडिंग हासिल न कर पाने वाले निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया था। इन विद्यार्थियों ने पॉलिटेक्निक, बीटेक, एमबीए, एमसीए और एमटेक आदि पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया था निजी शिक्षण संस्थानों का तर्क है कि कोरोना वायरस के हमले के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में वे अपने संस्थानों का नैक और एनबीए की टीम से मुआयना कराने में असमर्थ हैं। केंद्र सरकार ने भी नैक और एनबीए की ग्रेडिंग वर्ष 2025 26 से ही अनिवार्य की है। यही वजह है कि समाज कल्याण निदेशालय ने भी वर्ष 2024-25 तक यूपी में निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को इस ग्रेडिंग से छूट देने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। समाज कल्याण निदेशालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया यह प्रस्ताव शासन की सहमति से ही तैयार किया गया है, इसलिए मंजूरी मिलना पर है तय है।
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