मुआवजे के लिए संशोधित गाइडलाइन का इंतजार, नियमों की आड़ में नाइंसाफी की आशंका से कर्मचारियों में बेचैनी
प्रयागराज: चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद जान गंवाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा से राहत महसूस की है लेकिन उन्हें गाइडलाइन का इंतजार है। उन्हें आशंका है कि गाइडलाइन में कोई ऐसी शर्त न हो जिससे वे लाभार्थियों को सूची से ही बाहर हो जाएं।
इस आशंका के मद्देनजर यूनियन के पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि चुनावी ड्यूटी करने वाले सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजे की राशि और एक परिजन को जल्द से जल्द नौकरी दी जाए। उनकी कोविड जांच की रिपोर्ट चाहे जब भी पॉजिटिव आई हो।
चुनावी ड्यूटी के दौरान निधन पर 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का प्रावधान है। निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ड्यूटी के दौरान निधन पर ही अनुग्रह राशि दी जाएगी। हालांकि शिक्षकों और कर्मचारियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद जान गंवाने वाले सभी को यह लाभ दिए जाने की बात कही है।
इसके लिए गाइडलाइन में परिवर्तन का भी आदेश दिया है। अभी गाइडलाइन नहीं आई हैं। इसलिए अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री की इस घोषणा से शिक्षकों और कर्मचारियों में मुआवजे की उम्मीद जगी है लेकिन नई गाइडलाइन को लेकर भी उनमें कई तरह की आशंकाएं हैं।
प्रशिक्षण, पोलिंग पार्टी की रवानगी स्थल, स्ट्रांग रूम समेत हर जगह संक्रमण का बराबर खतरा रहा इसलिए चुनावी ड्यूटी में शामिल हर मृतक शिक्षक के परिजनों को मुआवजा और नौकरी मिलनी चाहिए। चुनाव ड्यूटी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक की जांच में पॉजिटिव आने वालों को यह लाभ मिलना चाहिए।
No comments:
Write comments