मदद के लिए वेतन कटौती पर प्रदेश के शिक्षक तैयार नहीं, अपील करने पर संगठन के खिलाफ हुए हमलावर
वेतन कटौती के लिए कहने पर उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के आह्वान के खिलाफ शिक्षक लामबंद
प्रयागराज । कोरोना संक्रमण के दौरान मृत शिक्षक, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की मदद करने का प्राथमिक शिक्षक संघ का दांव उलटा पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों ने एक दिन की वेतन कटौती के आह्वान का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि संघ यदि आश्रितों की मदद करना चाहता है तो पदाधिकारी एक माह का वेतन दान कर दें। वे शिक्षक संगठन के लिए भी रसीद कटवाएं और एक दिन का वेतन भी दें, ये ठीक नहीं है।
सात करोड़ रुपये सालाना लिए जाते हैं, उससे कर दी जाए मदद
उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा व महामंत्री संजय सिंह ने शुक्रवार को वर्चुअल बैठक कर शिक्षकों का आह्वान किया था कि वे कोरोना संक्रमण में मृत शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के आश्रितों के लिए एक दिन के वेतन की कटौती कराएं। हालांकि, संघ ने यह भी कहा था कि जो शिक्षक न देना चाहें वे वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखकर मना कर दें।
शिक्षक संजीव त्रिपाठी का कहना है कि हर साल 100 रुपये संगठन की ओर से शिक्षकों से लिया जाता है। प्रदेश में लगभग सात लाख शिक्षक (प्राथमिक, जूनियर) कार्यरत हैं इस हिसाब से वर्ष में सात करोड़ लिए जाते हैं। इस धन से मृत शिक्षकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये संगठन दे सकता है।
सरकार ने डीए अवरुद्ध कर रखा है, जो लगभग बेसिक विभाग से ही करोड़ों रुपये होता है। ऐसे में कोरोना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को बड़े आराम से एक करोड़ की सहायता राशि दी जा सकती है। शिक्षकों ने कहा कि सभी संगठनों के पदाधिकारी हैं, प्रदेश पदाधिकारी तीन माह, जिले का दो माह का व ब्लाक का पदाधिकारी एक माह का वेतन दे, तब आम शिक्षक खुशी से एक दिन के वेतन की कटौती कराएगा।
प्रयागराज में कार्यरत शिक्षक पीयूष शुक्ल, प्रभात शुक्ल, संजीव मिश्र, उमा शंकर तिवारी, सतीश मिश्र, उपवेद सिंह, सिद्धार्थनगर के अभिषेक त्रिपाठी, प्रवीण यादव, आनंद त्रिपाठी, देवरिया के आशुतोष चतुर्वेदी, अमेठी के अंकित तिवारी, बाराबंकी के राज कुवर दुबे, बस्ती के भीम सिंह, प्रतापगढ़ के शुभम सिंह सोमवंशी समेत प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने शिक्षक संगठन के आह्वान को अनुचित ठहराया है।
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