एडेड डिग्री शिक्षक भर्ती : शिक्षक-छात्र अनुपात तय होने से पदों में कटौती का अंदेशा
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त एडेड डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में नया नियम लागू किया गया है। हर कॉलेज में शिक्षक व छात्र का अनुपात तय किया जाएगा। जहां छात्रों की संख्या कम होंगी उन कॉलेजों में शिक्षकों का पद खत्म करने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण काल बीतने के बाद सर्वे का काम तंज किया जाएगा। सर्वे हर जिला में जिलाधिकारी के जरिए कराया जाएगा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर नया विज्ञापन निकाला जाएगा। शासन के नए नियम से अभ्यर्थियों में बेचैनी बढ़ गईं है। उन्हें सैकड़ों पद खत्म होने का भय सता रहा है।
एडेड डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रंफिसर की भर्ती के लिए अधियाचन उच्च शिक्षा निदेशालय तैयार करता है। जबकि खाली पदों को भरने के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन जारी किया जाता है। उच्च शिक्षा निदेशालय प्रदेशभर के डिग्री कॉलेजों में शिक्षक व छात्र का अनुपात नए सिंरे से तय करवा रहा है। यह कार्य मार्च में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण सारी प्रक्रिया रोक दी गई है। स्थिति सामान्य हाने पर सर्व की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
हर जिला के जिलाधिकारी को उनके क्षेत्र में स्थित डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों व छात्र का ब्योरा एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। एक शिक्षक पर 80 छात्रों की संख्या तय की गई है, जबकि यूजीसी का मानक एक शिक्षक पर 40 छात्र संख्या है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक शिक्षक पर 80 छात्र संख्या के मानक का पालन भी ईमानदारी से नहीं किया जा रहा है। जिन कॉलेजों में छात्रसंख्या अधिक है उससे संबंधित विषय के शिक्षकों के पद बढ़ाने का प्रविधान नहीं है। जबकि जहां छात्र कम हैं वहां शिक्षकों का पद खत्म कर दिया जाएगा।
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