सीएम योगी द्वारा गाइडलाइन बदल हर मृत कर्मचारी के परिवार को मुआवजा-नौकरी दिलाने के निर्देश के बाद भी शिक्षामित्र नहीं महसूस कर रहे राहत
पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों की हुई मौतों को लेकर सीएम योगी द्वारा गाइडलाइन बदलने और हर मृत कर्मचारी के परिवार को मुआवजा-नौकरी दिलाने के निर्देश के बाद भी शिक्षामित्र राहत महसूस नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शिक्षामित्रों ने कहा है कि उनके मृतक साथियों की भी गणना की जाए। वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा है कि हमें सरकार पर तब तक विश्वास नहीं होगा। जब तक वह हमारे मृतक सार्थियों के परिवारीजनों को एक करेाड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा नहीं देती।
दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार चाहे तो तुरंत आर्थिक मुआवजे की घोषणा कर दे लेकिन इस मामले को उलझाया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया पर कई सवाल भी खड़े होंगे। इसलिए जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक हम संघर्ष करेंगे। वहीं आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने दावा किया है कि 700 से ज्यादा शिक्षामित्र व अनुदेशकों की मृत्यु पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने के दौरान कोरोना संक्रमित होने के कारण हुई है जबकि केवल शिक्षकों की गिनती की जा रही है।
शिक्षक संघों ने कई आशंकाएं भी जाहिर की है कि सरकार को इस तरफ मानवतापूर्वक सोचना चाहिए। संशोधित गाइडलाइन में कई पक्षों को शामिल करना होगा, मसलन पंचायत चुनाव करने वाले कई ऐेसे शिक्षक रहे जिनकी रिपोर्ट निगेटिव रही या फिर उन्होंने जांच नहीं करवाई लेकिन संक्रमित हुए और मृत हो गए। इसी तरह कई शिक्षक ऐसे रहे जो प्रशिक्षण में संक्रमित हुए और फिर ड्यूटी में नहीं गए लेकिन उनकी मृत्यु हो गई या फिर कई शिक्षक संक्रमण के हफ्ते भर के अंदर तो कुछ 20-25 दिन बाद मरे।
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