CBSE : 10 वीं के छात्रों को नहीं दे सकेंगे मनमाना अंक
कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं की परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं। इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) के आधार पर दसवीं के विद्यार्थियों को अंक देने की तैयारी है।
सीबीएसई ने सभी स्कूलों से 11 जून तक बोर्ड की वेबसाइट पर मूल्यांकन को अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि बीस जून तक हाईस्कूल का रिजल्ट घोषित किया जा सके। स्कूल विद्यार्थियों को दसवीं में मनमाना अंक नहीं दे सकते। सीबीएसई ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है।
संबंधित विषयों के अध्यापक देंगे बीस अंक : गाइडलाइन के अनुसार मूल्यांकन के लिए विद्यालयों को प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन भी करना है। दो अध्यापक दूसरे स्कूल, पांच शिक्षक संबंधित स्कूलों के सदस्य होंगे। समिति को दसवीं के छात्रों को 80 अंक देना होगा। बीस अंक अांतरिक मूल्यांकन के आधार पर संबंधित विषयों के अध्यापक देंगे।
दसवीं के परीक्षार्थियों को प्रत्येक विषय में प्री-बोर्ड एग्जाम के 40 फीसद अंक ही दिए जाएंगे। 30 फीसद अंक अर्धवार्षिक परीक्षा तथा दस फीसद अंक यूनिट टेस्ट के परफार्मेंस के आधार पर दिया जाएगा। इस प्रकार समिति प्री-बोर्ड, अर्धवार्षिक परीक्षा व यूनिट टेस्ट के आधार पर हर विषय में अधिकतम अंक का औसत अंक देगी।
■ प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश
■ 11 जून तक विद्यालयों को करना होगा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड
सीबीएसई ने दसवीं के विद्यार्थियों को मुख्य बोर्ड परीक्षा का अंक देने के लिए सभी विद्यालयों को एक फार्मेट भेजा है। इसके साथ ही गाइडलाइन भी दी है। इसी के आधार से ही दसवीं के विद्यार्थियों को अंक देना है। इसके लिए सभी विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में समिति गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। - गुरमीत कौर, सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर व प्रधानाचार्य सनबीम इंग्लिश स्कूल (भगवानपुर)
तीन साल के रिजल्ट का औसत अंक
सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार समिति को स्कूल के तीन वर्ष के दसवीं के रिजल्ट के आधार पर इस बार अंक देना है। जैसे किसी विद्यालय में वर्ष 2020 में पास परीक्षार्थियों की संख्या 99 फीसद रही है और 90 प्रतिशत से अधिक अंक वाले 25 फीसद, 80 फीसद से अधिक अंक वाले 25, 70 फीसद अंक पाने वाले 35, 60 फीसद अंक पाने वाले 25 और 60 फीसद से कम अंक पाने वाले 15 फीसद छात्र हैं तो इसी तरह तीन वर्ष के रिजल्ट आधार पर 2021 में संबंधित स्कूलों के 10वीं के परीक्षार्थियों को औसत अंक देगी। तीन वर्ष के आधार पर स्कूल के ओवर ऑल रिजल्ट का औसत निर्धारित होगा।
गोरखपुर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने दसवीं का परिणाम घोषित करने के लिए मूल्यांकन नीति जारी करते हुए स्कूलों को छात्रों के मूल्यांकन की कमान सौंप दी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि मूल्यांकन में ईमानदारी नहीं बरतने वाले स्कूल कार्रवाई की जद में आएंगे।
परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड कभी भी गड़बड़ी की आशंका या शिकायत मिलने पर मूल्यांकन प्रक्रिया की अपने स्तर से जांच कर सकता है। इस दौरान छात्र के साथ अनुचित या पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने पर बोर्ड स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। मूल्यांकन में निष्पक्षता व परिणाम को अंतिम रूप देने के लिए स्कूल द्वारा प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी, जो अंतिम फैसला लेगी।
● दसवीं के मूल्यांकन की कमान देने के साथ दी चेतावनी
● परीक्षा परिणाम के लिए स्कूलों को निष्पक्षता बरतने के निर्देश
बोर्ड ने दसवीं के परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर मूल्यांकन नीति जारी कर दी है। स्कूलों को मूल्यांकन में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही ईमानदारी के साथ ही नंबर देने को कहा है। ताकि किसी भी छात्र के साथ अन्याय न हो सके। बोर्ड जल्द ही वेबिनार आयोजित करेगा, जिसमें प्रधानाचार्यों के साथ सीबीएसई के जिला समन्वयक भी शामिल होंगे। वेबिनार में बोर्ड के विशेषज्ञ इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी देंगे। साथ ही बोर्ड एक पोर्टल ओपेन करेगा जिस पर स्कूल छात्रों के नंबर अपलोड करेंगे। जिसके आधार पर बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित किया जाएगा।
समिति में ये होंगे शामिल
दसवीं का परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए सभी स्कूल आंतरिक परीक्षा समिति का गठन करेंगे। यह समिति प्रधानाचार्य के नेतृत्व में बनेगी, जिसमें प्रधानाचार्य के अलावा विभिन्न विषयों (गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान व दो भाषाओं) के तथा दो शिक्षक पास के स्कूल से होंगे।
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