बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त लेखा विभाग की लापरवाही के चलते सेवाकाल के दौरान मरने वाले वे शिक्षक जो नई पेंशन के दायरे में थे, उनके आश्रितों को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिला पा रहा है। वहीं इस संबंध में जब शिक्षकों की पारिवारिक पेंशन की पत्रावली संबंधित ब्लाक के माध्यम से लेखधिकारी को भेजी जाती है, उसके बाद बीएसए व लेखाधिकारी की ओर से उन पत्रालियों को पेंशन निदेशालय भेजा जाता है, लेकिन फाइलों को रिजेक्ट या आपत्ति लगाकर वापस भेज दिया जा रहा है।
इस संबंध में वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को एक लिखित शिकायत भेजी गयी है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन पसपा की ओर से इस संबंध में विभागीय स्तर पर जांच की भी मांग की गयी है कि आखिर ये लापरवाही क्यों हुई जो पूल एकाउंट नहीं कार के इसके पीछे वित्त की क्या मंशा क्या थी, इस पर सवाल खड़े होते हैं।
पेंशन निदेशालय ने दी ये जानकारीः इस संबंध में जब पेंशन निदेशालय से संपर्क किया गया तो ये जानकारी दी गयी कि उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा एक पूल एकाउंट इस संबंध में खोला जाना था जो अभी तक नहीं ओपन हुआ है। बिना खाते के किसी भी प्रकार के सेवानिवृत्त लाभ पारिवारिक पेंशन, अथवा एनपीएस खाते से अग्रिम निकासी नहीं की जा सकती है।
शिक्षकों के परिवार विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर
विभाग के सैकड़ो ऐसे शिक्षक हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है और वह पेंशन के दायरे मं लेकिन उनके परिवार को लाभ नहीं मिल पा रहा है | वहीं विभाग उनके परिवार की भी सुनने को तैयार नहीं है।इस स्थिति में उनके परिवार कहां अपनी फरियाद लेकर जाये इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है ।
कोशेना काल में भी कई शिक्षकों की हुई मौत
बतादें कि कोरोना काल में भी कई ऐसे शिक्षक हैं जिनकी मौत हुई है और वह पेंशन के दायरे में हैं लेकिन उनको पेंशन का लाभ बिना एकाउंट के नहीं मिल पारहा है।कई शिक्षकों की पत्नी वबच्चे विभाग में चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं।
मामला मेरी जानकारी में नहीं: वित्त लेखाधिकारी
वहीं इस संबंध में लखनऊ बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वित्त लेखाधिकारी नागेश त्रिपाठी का कहना है कि ऐसी कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं हैं।अगर कोई ऐसा मामला आता है तो समीक्षा करके आगे की कार्रवाई की जायेगी।
विभाग की लापरवाही के चलते नहीं खुले खाते
विभाग की लापरवाही की चलते अभी तक खाते नहीं खुलें हैं, जिसके चलते परिवारिक पेंशन के मामले लंबित हैं और मृतक शिक्षकों के परिवार भी परेशान हो रहे हैं। इसमें वित्त लेखाधिकारी की पूरी लापरवाही है। विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, पीएसएसए |
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