विवि व काॅलेजों में इनोवेशन व स्टार्टअप पर जोर, UGC ने 25 मई तक मांगी फैकल्टी की जानकारी
उच्च शिक्षण संस्थान अपने यहां इनोवेशन व स्टार्टअप पॉलिसी को लागू करेंगे। एक्शन प्लान तैयार करेंगे और पाॅलिसी को लागू करेंगे। इस दिशा में क्या कार्य हो रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानि यूजीसी ने इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को पत्र लिखा है। उनसे कहा गया है कि वे अपने यहां से वैसे फैकल्टी का नाम भेजें जो इनोवेशन व एंटरप्रेन्योरशिप में रुचि रखते हों। ऐसे फैकल्टी की पूरी डिटेल्स 25 मई तक mic.gov.in पर जाकर सबमिट कर देना है।
एनआइएसपी के तहत उच्च शिक्षण संस्थान अपने यहां इनोवेशन व स्टार्टअप पॉलिसी को लागू करेंगे। एक्शन प्लान तैयार करेंगे और पाॅलिसी को लागू करेंगे। इस दिशा में क्या कार्य हो रहे हैं, इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी। इसके बाद इसका उस संस्थान में क्या प्रभाव और किस रूप में पड़ा, इन सभी की मॉनिटरिंग होगी। विवि व काॅलेजों द्वारा जो नोमिनेटेड फैकल्टी होंगे, उनकी ऑनलाइन ट्रेनिंग जून-जुलाई 2021 में होगी। ट्रेनिंग में इन्हें इनोवेशन व स्टार्टअप पॉलिसी की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इनाेवेशन के विभिन्न पहलुओं को बताया जाएगा। छात्रों को कैसे स्टार्टअप से जोड़ा जाए, इन सभी बातों को विशेषज्ञ बताएंगे।
छात्रों व अन्य फैकल्टी को जोड़ेगे इनोवेशन से
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए नेशनल इनोवेशन एंड स्टार्टअप पॉलिसी (एनआइएसपी) शुरू की है। इसके तहत तीन फेज में फैकल्टी को ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाएगा। ये फैकल्टी अपने संस्थान में इनोवेशन व स्टार्टअप के लिए कार्य करेंगे। छात्र-छात्राओं से लेकर अन्य फैकल्टी इनाेवेशन के प्रति रुचि जगाएंगे ताकि इसका फायदा समाज व देश को मिले। दो फेज के तहत देशभर से 1980 संस्थानों के 3000 सीनियर फैकल्टी इसे ज्वाइन कर लिए हैं। अब तीसरे फेज के तहत वे विश्वविद्यालय फैकल्टी का नाम देंगे, जिन्होंने पूर्व के दो फेज में नाम नहीं भेजे हैं।
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