UP पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षकों की मौत के शिक्षक संघ के आंकड़े को बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया निराधार और गलत
विपक्ष के नेता कर रहे ओछी राजनीति: डॉ सतीश चन्द्र द्विवेदी
प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी (Dr Satish Chandra Dwivedi) ने कहा है कि कुछ शिक्षक संघ द्वारा 1621 शिक्षकों की मौत का जो आंकड़ा दिया गया है, वह पूर्णतया निराधार व गलत है. 3 शिक्षकों की मौत हुई है. यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चन्द्र द्विवेदी ने शिक्षकों की मौत पर अहम बयन दिया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों (UP Panchayat Chunav) में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की कोरोना से मौत (Teachers Death) मामले में सियासत तेज हो गई है. एक तरफ विपक्ष हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार (Yogi Government) की तरफ से साफ किया गया है कि कुछ शिक्षक संघ द्वारा 1621 शिक्षकों की मौत का जो आंकड़ा दिया गया है, वह पूर्णतया निराधार व गलत है. 3 शिक्षकों की मौत हुई है. प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी (Dr Satish Chandra Dwivedi) ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि भ्रामक सूचना के आधार पर विपक्ष के नेता गण ओछी राजनीति कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे राजनीति बिल्कुल गलत है. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के जिलाधिकारियों से प्राप्त अधिकृत सूचना दी है. चुनाव ड्यूटी के दौरान केवल 3 शिक्षकों की मृत्यु हुई है. उनके परिवार को ₹30 लाख अनुग्रह राशि तथा सरकारी नौकरी दी जाएगी. अन्य समस्त देय प्राथमिकता के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दिया जाएगा.
दरअसल उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया था कि पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले 1621 टीचरों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य कर्मियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षक विभाग की तरफ से कहा गया है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई है.
प्रियंका गांधी हुईं सरकार पर हमलावर
मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, “पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है. शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है.”
बाकी जहर खाकर मरे क्या?: सपा एमएलसी
वहीं इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने भी ट्वीट कर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया है, “बेहयाई का एक और नमूना देखिये, पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद 1671 शिक्षकों, कर्मचारियो की कोरोना से हुईं मौतों को योगी सरकार ने मानने से साफ़ मना कर दिया. सरकार के हिसाब से सिर्फ 3 टीचरों की मौत हुई, जबकि शिक्षक यूनियनें 1671 का दावा कर रही हैं! तो बाक़ी ज़हर खाने से मरे क्या?”
शिक्षक संघों की ये है मांग
दरअसल शिक्षक संघ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मृतकों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. संघ ने मृतक शिक्षकों और विभाग के कर्मचारियों की लिस्ट भी शासन को भेजी है.
वहीं यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि राज्य चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, निर्वाचन अवधि की गणना मतदान/ मतगणना संबंधी प्रशिक्षण और मतदान/मतगणना कार्य हेतु कर्मचारी के निवास स्थान से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और ड्यूटी समाप्त कर उसके निवास स्थान तक पहुंचने की अवधितक मान्य है. इस अवधि में किसी भी कारण से हुई मौत की दशा में अनुग्रह राशि अनुमन्य है, जिसका निर्धारण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है.
विभाग का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग की उपरोक्त गाइडलाइन के अनुसार, जिलााधिकारियों द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक तीन शिक्षकों की मृत्यु की प्रमाणित सूचना दी गई है. मृतकों के परवारवालों के प्रति गहरी संवेदना है और मृतकों को अनुमन्य अनुग्रह राशि का भुगतान उनके परिजनों को शीघ्र कराया जाएगा.
UP में पंचायत चुनाव में शिक्षकों की कोरोना से मौत पर सियासत तेज, विपक्ष हमलावर
UP पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षकों की मौत का आंकड़ा गलत: मंत्री
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