यूपी बोर्ड पहले से कर रहा बिना परीक्षा रिजल्ट जारी करने की तैयारी, प्रदेश भर के स्कूलों से इंटरमीडिएट के छात्रों के 11 वीं के छमाही एवं वार्षिक परीक्षा के अंक मांग चुका है बोर्ड
सीबीएसई, सीआईएसई द्वारा 12 वीं की परीक्षा निरस्त करने के बाद अब यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द करने की मांग उठने लगी है। दोनों बोर्डों ने भले ही अपनी परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा एक जून को की, लेकिन यूपी बोर्ड ने इससे पहले ही 24 मई को ही इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों के 11 वीं के छमाही एवं वार्षिक परीक्षा के अंक मांग लिए थे। ऐसे में देखा जाए तो यूपी बोर्ड पहले ही विचार कर रहा था कि सीबीएसई ने 12 वीं की परीक्षा निरस्त की तो उसको भी यह निर्णय लेना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड भी बिना परीक्षा लिए रिजल्ट जारी कर सकता है।
यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से 24 मई को प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर इंटर के परीक्षार्थियों की 12 वीं के प्री बोर्ड परीक्षा के साथ इन छात्रों के 11 वीं के छमाही एवं वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं पूर्णांक मांगे थे। बोर्ड सचिव ने 12 वीं के छात्रों के अंक वेबसाइट https://upmsp.edu.in/ पर 28 मई तक अपलोड करने का निर्देश दिया था। स्कूलों की ओर से फरवरी 2021 में इंटरमीडिएट में पंजीकृत छात्रों की प्री बोर्ड परीक्षा कराई गई थी।
इसके अलावा बोर्ड सचिव ने 2021 में कक्षा 11 की कृषि भाग-1 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की 2020-21 में हुई छमाही परीक्षा के अंक भी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। हालांकि बोर्ड की ओर से प्री बोर्ड एवं छमाही के अंक मांगे जाने पर इंटरमीडिएट के रिजल्ट सीधे जारी करने के सवाल पर उस समय सचिव ने इनकार किया था। उनका कहना था कि बोर्ड यह देखना चाह रहा है कि स्कूलों ने फरवरी में प्री बोर्ड परीक्षा कराई है कि नहीं। अब सीबीएसई, सीआईएसई की बारहवीं की परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि यूपी बोर्ड की भी बारहवीं की परीक्षा रद्द हो सकती है।
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