दो बोर्डों के फैसले से यूपी बोर्ड पर भी बढ़ा दबाव, जुलाई के दूसरे सप्ताह में 12वीं की परीक्षा की तैयारी में था बोर्ड, यूपी बोर्ड इंटर के 26 लाख से अधिक बच्चों की बढ़ी बेसब्री
प्रयागराज : 12वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने के सीबीएसई और सीआईएससीई के फैसले से यूपी बोर्ड पर भी दबाव बढ़ गया है। सीबीएसई ने ही सबसे पहले हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय था। उसके बाद एक-एक करके देश के अन्य बोर्ड ने भी परीक्षाएं निरस्त कर दीं। अब 12वीं की भी परीक्षा निरस्त करने के फैसले ने सभी बोर्ड को फिर से सोचने पर विवश कर दिया है ।
इस फैसले के बाद से यूपी बोर्ड के इंटर के 26 लाख से अधिक छात्र, छात्राओं के लिए भी प्रदेश सरकार के आदेश का इंतजार बढ़ गया है। सीबीएसई के फैसले के थोड़ी देर बाद ही दूसरे सबसे प्रतिष्ठित बोर्ड काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने भी वक्तव्य जारी कर परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय ले लिया।
बोर्ड का कहना है कि छात्र छात्राओं, शिक्षकों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कुशलता उनके लिए प्राथमिकता है।
यूपी में भी उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बयान दिया है कि यूपी बोर्ड की कक्षा 12 की परीक्षा के बारे में मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद शीघ्र निर्णय लेंगे।
28 मई को उपमुख्यमंत्री ने हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करते हुए 12वीं की परीक्षा जुलाई के द्वितीय सप्ताह से कराने की घोषणा की थी। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने 29 मई के आदेश में परीक्षा आयोजित कराने संबंधी प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मांगा था। लेकिन मंगलवार को परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है।
28 मई को उपमुख्यमंत्री ने हाईस्कूल परीक्षा निरस्त करते हुए 12वीं परीक्षा जुलाई के द्वितीय सप्ताह से कराने की घोषणा की थी।
यूपी बोर्ड : इंटरमीडिएट की परीक्षाएं रद्द कर सकती है सरकार
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द करने के लिए अभिभावकों व विद्यार्थियों की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय देश भर के छात्रों के स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी रद्द हो सकती हैं।
सीबीएसई के बाद सीआईएससीई ने भी 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिढट परीक्षा के लिए अब विद्यार्थियों की निगाहें मुख्यमंत्री पर है। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में लगभग 14 लाख बच्चे बैठने वाले थे जबकि यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षा में 26, 09,501 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री लेंगे।
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