12वीं बोर्ड के नतीजे : मूल्यांकन में जुड़ेंगे प्रायोगिक परीक्षा के पूरे अंक
■ कक्षा 11वीं के प्रैक्टिकल अंकों को नहीं बनाया जाएगा आधार
■ 12वीं में विषय बदलने पर 11वीं के विषय को बनाया जाएगा मूल्यांकन का आधार
■ 12वीं के आंतरिक परीक्षाओं में शामिल न होने वाले छात्रों से नहीं ली जाएगी परीक्षा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नए फॉर्मूले के तहत 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रैक्टिकल अंकों में राहत मिलेगी। बोर्ड ने 12वीं कक्षा के प्रैक्टिकल अंकों से नए फॉर्मूले को बाहर रखा है। इससे हिसाब से जितने नंबर का प्रैक्टिकल है उसके पूरे नंबर ही जोड़ जाएंगे जबकि कक्षा 10वीं और 11वीं की थ्योरी में 30-30 फीसदी और 12वीं में यह फॉर्मूला 40 फीसदी पर तय किया गया है। इससे उन छात्रों को अंक बढ़ोत्तरी का बेहतर अवसर मिलेगा, जिन्हें विषयों की थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिल की भी अच्छी समझ होगी।
बोर्ड ने नए फॉर्मूले के तहत 30-30-40 फीसदी का प्रावधान किया है। यानि यदि थ्योरी 80 नंबर की है तो प्रैक्टिकल अंक 20 नंबर के रहेंगे। लेकिन, 30 फीसदी के मुताबिक 10वीं और 11वीं में छात्र को थ्योरी के 24-24 अंक और 12वीं में 32 अंकों में से मूल्यांकन किया जाएगा। दूसरी ओर प्रैक्टिकल के 20 अंक पूरी तरह से जोड़े जाएंगे और 20 अंकों में से छात्र को उसके प्रैक्टिकल में प्रदर्शन के आधार पर अंक मिलेंगे। वहीं, यदि थ्योरी के लिए 70 अंक निर्धारित हैं तो 10वीं और 11वीं में 21-21 अंक और 12वीं में 28 अंकों में से अंकों का मूल्यांकन होगा। लेकिन, प्रैक्टिल के कुल अंक 30 ही रहेंगे।
कक्षा 11वीं के प्रैक्टिकल के अंकों का नहीं बनाया जाएगा आधार
सीबीएसई ने नए फॉर्मूले के तहत कक्षा 11वीं के प्रैक्टिकल अंकों को आधार नहीं बनाने का निर्णय लिया है। केवल थ्योरी को ही तवज्जों देते हुए 30 फीसदी अंकों के साथ मूल्यांकन होगा। दूसरी ओर कक्षा 10वीं में भी प्रैक्टिकल विषय न होने के कारण इसे नए फॉर्मूले से दूर रखा गया है। यानि इससे उन छात्रों को सीधा लाभ पहुंचेगा जिन्होंने कक्षा 11वीं के प्रैक्टिकल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन कक्षा 12वीं में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अच्छे अंक हासिल किए होंगे।
12वीं में विषय बदलने पर 11वीं के विषय को बनाया जाएगा मूल्यांकन का आधार
कई ऐसे छात्र भी होते हैं जो 11वीं में विषय पसंद न आने पर 12वीं कक्षा में पहुंच विषय बदल लेते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें बोर्ड से भी मंजूरी लेनी होती है। ऐसे छात्रों के मूल्यांकन के लिए भी बोर्ड ने प्रावधान किया है। बोर्ड के मुताबिक, जिन छात्रों ने कक्षा 12वीं में विषय बदला होगा उनके लिए कक्षा 11वीं में बेस्ट तीन विषयों का मूल्यांकन के तहत उसी विषय को 12वीं के लिए भी जोड़ लिया जाएगा। इससे एक ही विषय के अंक दूसरी कक्षा में भी जुड़ सकेंगे।
दूसरे राज्यों के बोर्ड से पढ़े 10वीं के छात्रों के अपलोड करने होंगे अंक
सीबीएसई ने स्कूल कमेटियों को उन छात्रों के लिए सुविधा दी है जो सीबीएसई से 10वीं तक पढ़े हुए हैं। ऐसे छात्रों के लिए स्कूलों को अलग से पोर्टल पर अंक अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, सीबीएसई के पास पहले से ही ऐसे छात्रों के अंक उपलब्ध होंगे। हालांकि, ऐसे छात्रों की संख्या भी अधिक है जो यूपी बोर्ड, एमपी बोर्ड व अन्य राज्यों से 10वीं कक्षा पढ़े हुए होते हैं। ऐसे छात्रों के लिए सीबीएसई पोर्टल पर लिंक उपलब्ध कराएगा। इस लिंक पर अंकों को अपलोड करना होगा। वहीं, यदि छात्रों के अंक मूल्याकंन फॉर्मूला का पालन नहीं कर रहे हैं तो स्कूल कमेटी की जिम्मेदारी उन्हें ठीक करने की होगी।
12वीं के आंतरिक परीक्षाओं में शामिल न होने वाले छात्रों से नहीं ली जाएगी परीक्षा
कक्षा के 12वीं के जो छात्र किसी कारणवश पूरे वर्ष स्कूल में आंतिरक मूल्यांकन के लिए किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सके हैं। ऐसे छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, सीबीएसई ऐसे छात्रों का कक्षा 10वीं और 11वीं के आधार पर ही मूल्यांकन करेगा। इसके लिए बोर्ड बहुविकल्पिय मूल्यांकन का तरीका अपनाएगा।
प्रैक्टिकल अंक सूची
थ्योरी 10वीं 11वीं 12वीं 12वीं
(30फीसदी) (30फीसदी) (40फीसदी) (प्रैक्टिकल)
80 24 24 32 20
70 21 21 28 30
60 18 18 24 40
50 15 15 20 50
30 09 09 12 70
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