1.76 लाख बच्चों को केजी, नर्सरी और कक्षा एक में नहीं हो पाया दाखिला
राजधानी में करीब 1.76 लाख छोटे बच्चों को प्ले, केजी, नर्सरी तथा कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पाया है। करीब 26 हजार बच्चे सरकारी स्कूलों के हैं। प्राइवेट स्कूलों में दो लाख बच्चे हर साल दाखिला लेते थे। प्राइवेट के लगभग 25% यानी 50 हजार का ही दाखिला हो पाया। डेढ़ लाख बच्चों का दाखिला नहीं हो पाया।
2020 में भी सभी बच्चों को स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाया था। अब 2021 में भी अभी तक एडमिशन नहीं हो पाया है। यह वह बच्चे हैं जो पहली बार स्कूल जाने वाले थे। 20,000 से ज्यादा बच्चों का प्ले स्कूलों में दाखिला होना था। जबकि 1.80 लाख बच्चे अन्य बड़े प्राइवेट स्कूलों में केजी, नर्सरी तथा कक्षा 1 में एडमिशन लेते। पिछले वर्ष भी कुछ बच्चों ने तो प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले लिया था कुछ सरकारी स्कूलों में। इस वर्ष सरकारी में कोई एडमीशन नहीं हुआ। जबकि प्राइवेट में लगभग 25 प्रतिशत दाखिला हुआ है।
घरों में ही सीख रहे हैं बच्चे
राजधानी में करीब 1.76 लाख बच्चे घरों में ही खेल कूद रहे हैं। कुछ अभिभावक जहां खुद अपने बच्चों को घरों में पढ़ा रहे हैं वही कुछ पूरी तरह कॉपी किताब से दूर हैं। सरकारी स्कूलों में जो लोग अपने बच्चों का दाखिला चाहते थे उनकी तो बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उनके पास तो कॉपी किताब भी नहीं है।
छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाती
छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाती। इसलिए भी तमाम अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का दाखिला नहीं कराया।
अभिभावक बोले
बच्चे को घर में ही पढ़ा रहे हैं। पिछले वर्ष ही एडमिशन कराना था। लेकिन कोरोना की वजह से नहीं कराया। इस वर्ष अप्रैल से एडमिशन की तैयारी थी लेकिन फिर कोरोना आ गया। बच्चे की पढ़ाई 2 साल लेट हो गई है। -सरिता, इंदिरानगर
मेरा बच्चा साल साल का हो गया है। सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए पिछले साल भेजने वाले थे लेकिन स्कूल बंद हो गया था। इस बार फिर एडमिशन नहीं हो पाया। - राज कुमार, दरोगा खेड़ा, सरोजनी नगर
शिक्षक बोले
इस वर्ष बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाया। कोरोना की वजह से काफी दिक्कतें आई हैं। जिन बच्चों का पहले से एडमिशन हुआ था उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। - अमृता भटनागर, प्रिंसिपल, ग्रीन विले स्कूल, आशियाना
राजधानी में करीब एक हजार मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें से प्रत्येक में औसतन 200 बच्चे नर्सरी, केजी तथा तथा कक्षा एक में एडमिशन लेते हैं। इस बार केवल 25% बच्चों का ही दाखिला हो पाया। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब डेढ़ लाख बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ है। ऑनलाइन छोटे बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती है। इसलिए भी अभिभावकों ने दाखिले से दूरी बनायी। - अनिल अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, सेंट जोसेफ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन
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