अभ्यर्थियों ने 69000 शिक्षक भर्ती में लगाया भेदभाव का आरोप, प्रदर्शन
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से वंचित अभ्यर्थियों ने घेरा निदेशालय, भर्ती की मांग को लेकर भाजपा दफ्तर का भी किया घेराव
लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से वंचित अभ्यर्थियों ने मंगलवार दोपहर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग को लेकर निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया।
काफी देर तक प्रदर्शन के बाद भी जब स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने उनकी मांग को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया तो प्रदर्शनकारी सीएम आवास की तरफ कूच कर गए, लेकिन उनको वहां से खदेड़ दिया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय का काफी देर तक घेराव किया। अभ्यर्थी वार्ता करने की मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने उनको वहां से भी हटा दिया।
वे वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने बताया कि उनकी काउंसिलिंग हो चुकी है और जिला भी आवंटित हो चुका है, लेकिन परीक्षा आवेदन में त्रुटि होने से उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। जबकि ऐसे कई अभ्यर्थियों को दूसरा मौका देते हुए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी मूल प्रमाण पत्रों के आधार पर मौका देने की मांग कर रहे थे।
लखनऊ : 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में कुछ अभ्यíथयों ने भेदभाव का आरोप लगाकर मंगलवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रक्षिक्षण परिषद का घेराव किया। बेसिक शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और मुख्यमंत्री से रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति करने की मांग की।
सहायक अध्यापक भर्ती प्रकरण को लेकर सरकार और अभ्यíथयों के बीच पिछले सात माह से खींचतान चल रही है। अभ्यíथयों का कहना है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में जो फार्म परीक्षा के लिए बनाया गया था, उसी फार्म को शैक्षिक योग्यता का संपूर्ण डाटा मानकर 69000 शिक्षकों को भर्ती कर लिया गया। इसमें एनआइसी को संशोधन का मौका नहीं दिया गया। अभ्यर्थी गलती देख तो सकते हैं, मगर उसमें सुधार नहीं कर सकते थे। अभ्यíथयों का कहना है कि उनके आवेदन पत्र को निरस्त करके उनकी सीटों को थर्ड काउंसिलिंग में जोड़ा जा रहा है, यह अभ्यíथयों के साथ अन्याय है।
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