शासन ने मांगा संपत्ति का ब्यौरा, धन्नासेठ बाबुओं में मची खलबली
कईओं ने एकत्र कर ली है करोड़ों की संपत्ति, शहर में हैं आलीशान बहुमंजिला मकान और जमीनें
प्रतापगढ़ : शासन से संपत्ति का ब्यौरा मांगे जाने के बाद शिक्षा विभाग के कई धन्नासेठ बाबुओं में खलबली मच गई है। संपत्ति का ब्यौरा आनलाइन करने का आदेश मिलने के बाद बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में एक ही पटल पर वर्षों से जमे मोटी कमाई करने वाले बाबुओं के चेहरे की रौनक गायब हो गई है। कई बाबुओं ने इस छोटी सी नौकरी में ही शहर में आलीशान बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर ली हैं। कई जगहों पर उनकी जमीनें भी हैं। शासन के आदेश के बाद अब वे बचाव का रास्ता खोज रहे हैं।
बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बाबुओं से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। एक ही पटल पर दस-दस वर्षों से जमे बाबुओं ने विभाग पर पूरी तरह कब्जा कर रखा है। हर काम के लिए रुपये का मानक निर्धारित कर रखा है। दोनों विभागों में किसी भी काम के लिए पहुंचने वाले लोगों को इनकी परिक्रमा करनी पड़ती है। अगर कोई व्यक्ति सीधे अफसर से मिलकर अपनी बात रखता है, तो ये बाबू अफसरों को कागजों के हेरे- फेर में ऐसे उलझा देते हैं कि वे भी उनकी हर बात मानने को विवश हो जाते हैं।
शिक्षकों की संबद्धता, एरियर भुगतान मृतक आश्रित नियुक्ति, स्कूलों की मान्यता परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में अफसरों का हवाला देकर मोटी कमाई की जाती है। वर्षों से जमे इन बाबुओं के कागजी कीड़ा होने से अफसर भी इनकी कमी नहीं पकड़ पाते हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में परीक्षा केंद्रों की नीलामी और बच्चों की शिफ्टिंग का खेल किसी से छिपा नहीं है। प्रतिवर्ष लाखों का खेल होता है, मगर अधिकारी पूरी तरह अनजान बने होते हैं।
बाबुओं के इस खेल में अफसरों की हां होती है, मगर वह खुलकर सामने नहीं आते हैं। इसका पूरा फायदा बाबू उठाते हैं करोड़ों की बिल्डिंग खड़ी करने वाले इन बाबुओं के लिए शासन का नया फरमान परेशानी का सबब बन गया है हालांकि अधिकांश बाबुओं ने अपने बचाव का रास्ता पहले से ही खोज निकाला है।
उन्होंने बैंक बैलेंस के साथ ही आशियाना भी घर के किसी और सदस्य या फिर रिश्तेदारों के नाम कर रखा है। डीआईओएस डॉ. सर्वदानंद और बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने बाबुओं की संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है। सभी को पत्र जारी किया गया है। अभी तक किसी ने भी ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है।
नेताओं और अफसरों के बीच बना रखी है पैठ
विभाग में वर्षों में जमे कर्मचारियों ने नेताओं और शीर्ष अफसरों के बीच भी अपनी पैठ बना रखी है। पटल परिवर्तन का आदेश आते ही स्थानीय नेताओं के दरवाजे पर दस्तक देकर अफसरों पर दबाव बनाने के साथ ही विभाग में पूर्व में तैनात रहे शीर्ष अफसरों से भी सिफारिश करा रहे हैं।
पटल बदलने के लिए हर वर्ष आता है आदेश
शासन हर वर्ष बाबुओं का पटल परिवर्तित करने का निर्देश देता है और अधिकारी 20 प्रतिशत के मानक को पूरा करने लिए दूसरे कर्मचारियों की पटल बदल देते हैं, मगर कमाई करने वाले बाबुओं को नहीं छेड़ते हैं। दरअसल, इन बाबुओं के माध्यम से अधिकारी भी अपनी जेब भरते हैं। इसलिए उनको हां में हो मिलाने के लिए मजबूर होते हैं।
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