आखिर कब होंगे जिले के अंदर परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण?
कौशांबी । प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में छुट्टियों के दौरान 20 मई से 20 जून के मध्य जनपद के अंदर के तबादले का आश्वासन दिया था लेकिन ज्यों ज्यों दी गई अवधि बीतती जा रही है। तबादले की आस लिए शिक्षकों में मायूसी छा रही है। हालांकि सरकार ने मध्य सन्त्र की बजाए ग्रीष्मावकाश के दौरान तबादले का आश्वासन दिया था।
2017 में अंतर्जनपदीय के साथ जिले के अंदर तबादले की आवेदन लिए तो गए थे। लेकिन अंतर्जनपदीय तबादले हुए लेकिन जिले के अंदर ट्रांसफर में कोर्ट ने रोक लगा दी थी और स्थानांतरण प्रक्रिया भी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद जनपद के अंदर स्थानांतरण की कोई पॉलिसी नहीं आई लिहाजा सिर्फ पारस्परिक ट्रांसफर ही हुए। इसके बाद सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पर शिक्षकों में एक नई खुशी की ऊर्जा नजर आई लेकिन ज्यों ज्यों समय बीतता जा रहा है शिक्षकों के मन में निराशा के बादल छाते ही जा रहे हैं।
आइये जानते हैं तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षकों के विचार
मा० बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी जी! गर्मी की छुट्टियों में जिले के अन्दरशिक्षकों का तबादला करवाकर अपना वादा निभाइये। - निरंजन सिंह पूर्व प्रदेश महामंत्री बी.टी.सी. संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा)
पिछले 3 वर्षों से जिले के भीतर ट्रांसफर नहीं हुए है जबकि सरकार के ट्रांसफर नीति में प्रत्येक वर्ष तबादले की बात हुई है, चुनाव के पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री जी का बयान था कि चुनाव के पश्चात जिले के भीतर समायोजन किया जाएगा। शिक्षक इंतजार में अभी भी है। - आयुष दुबे (उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संयुक्त मोर्चा संघ)
शिक्षकों को जिले के अन्दर तबादले का बेसब्री से इंतजार है। सरकार से निवेदन है कि जिले के अन्दर तबादले करवाये जायें। - प्रभाष सिंह (सहायक अध्यापक)
विगत कई वर्षों से जनपद के अंदर तबादले ना होने से शिक्षकों को अपने निवास स्थान से बहुत दूर तक प्रतिदिन यात्रा करनी पड़ती है जिससे आए दिन बेसिक शिक्षकों के साथ सड़क दुर्घटना इत्यादि होते रहते हैं। माननीय मंत्री जी को मानवीय आधार पर शिक्षकों के जनपद के अंदर उनके मनचाहे विद्यालयों पर स्थानांतरित कर देना चाहिए। जिससे वह पूर्ण मनोयोग से अपना योगदान दे सकें। - ओमदत्त त्रिपाठी (जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ)
No comments:
Write comments