DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, June 21, 2021

मानदेय वृद्धि व तबादले की आस लगाए बैठे हैं जूनियर विद्यालयों में पदस्थापित अनुदेशक

मानदेय वृद्धि व तबादले की आस लगाए बैठे हैं जूनियर विद्यालयों में पदस्थापित अनुदेशक


बहराइच :  परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालिक अनुदेशकों का वर्षों से मानदेय नहीं बढ़ा है। यही नहीं दूर दराज के विद्यालयों में तैनाती मिलने से सैकड़ों अनुदेशकों को अल्प मानदेय में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए अनुदेशकों ने एक पखवाड़े तक ट्विटर अभियान चलाकर सरकार से मानदेय वृद्धि व गृह ब्लॉक में तबादले की मांग की है। अनुदेशकों ने बताया कि पिछले 5 सालों से सरकार से लगातार ज्ञापन, धरना प्रदर्शन व ट्विटर अभियान आदि के माध्यम से मांग कर रहे हैं।


उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्ष 2013 में सपा सरकार की ओर से अंशकालिक अनुदेशकों की तैनाती की गई थी। जिसके तहत इन्हें काफी दूर अलग-अलग ब्लॉकों में तैनाती मिली थी, लेकिन अब घर से काफी दूर और कम वेतन अनुदेशकों के लिए मुसीबत बन गया है। कोरोना संक्रमण के बाद 1 जुलाई से एक बार फिर से स्कूल खुल रहे हैं, और अनुदेशकों को शिक्षण कार्य शुरु करना है।


60 किमी दूर मिहींपुरवा में हैं में तैनात अनुदेशक

बहराइच मटेरा, रिसिया, नवाबगंज, नानपारा, शिवपुर क्षेत्र के रहने वाले अनुदेशकों को मिहींपुरवा ब्लॉक के वन क्षेत्रों में स्थापित विद्यालयों गिरजापुरी, पारसपुरवा, रमपुरवा मटेही, कोहली, सेमरीमलमला, आंबा, बर्दिया, मिल्कियत व सुजौली क्षेत्र में तैनाती मिली है। जिसके चलते कई अनुदेशकों को 60 किलोमीटर से भी अधिक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। वहीं मिहींपुरवा क्षेत्र के निवासी अनुदेशकों को हुजूरपुर, पयागपुर, चित्तौरा व फखरपुर में तैनाती मिली है। जिसके चलते इन्हें भी काफी लंबा समय तय करना पड़ रहा है। अनुदेशकों का कहना है कि उनके धन व समय दोनों की बर्बादी हो रही है।

No comments:
Write comments