योग को प्राथमिक शिक्षा में शामिल करना चाहिए : राज्यपाल
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सोमवार को विद्या भारती मालवा क्षेत्र मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राजभवन से ही ऑनलाइन शामिल होते हुए यूपी एवं एमपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि योग को प्राथमिक शिक्षा में भी शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही योग की शिक्षा देने के लिए प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जाना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों का शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास हो सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है। लगभग 5 हजार साल पहले महर्षि पतंजलि ने योग दर्शन की सीख दी थी। योग एक जीवन पद्धति है जिससे व्यक्ति, समाज तथा परिवार संस्कारित बनते हैं। कोरोना महामारी के समय योगासन के माध्यम से लोगों ने अपने शरीर को स्वस्थ रखा। चिकित्सकों ने भी मरीजों को योगाभ्यास कराया जिससे उनके मन में बैठा डर खत्म हुआ उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास तथा आहार-विहार पर विशेष बल दिया है। नई शिक्षा नीति में भी योग से जुड़ी यौगिक क्रियाओं को शामिल किया गया है। यूपी एवं एमपी के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा योग पर पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। योग से कार्य में कुशलता आती है। इस कारण अधिकारियों व कर्मचारियों को भी कर्मयोगी तालीम दी जानी चाहिए। ऐसा करने से उनके कार्य एवं व्यवहार में गुणवत्ता आएगी।
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