परिषदीय विद्यालयों में खत्म होगा नगरीय और ग्रामीण कैडर- बेसिक शिक्षा मंत्री, जानिए क्या होंगे परिणाम?
■ बेसिक शिक्षामंत्री बोले विसंगति दूर करने के लिए एक करने की तैयारी
■ कैडर एक होने से शिक्षकों के स्थानांतरण का रास्ता होगा साफ
■ नगर के विद्यालयों में दूर होगी छात्रों के अनुपात में अध्यापकों की कमी
बेसिक स्कूलों में टाट-पट्टी की संस्कृति होगी खत्म
वाराणसी: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रविवार को आयोजित खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में टाट-पट्टी की संस्कृति जल्द ही खत्म होगी। पहले चरण में सूबे के सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बजट भी जारी किया जा चुका है।
वाराणसी : बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि नगर व ग्रामीण के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर दशकों से चली आ रही विसंगति जल्द ही दूर की जाएगी। इसके लिए सरकार नगर व ग्रामीण का विभाजन खत्म करने जा रही है। शिक्षकों के नगरीय व ग्रामीण कैडर को खत्म कर एक करने की योजना है। एक कैडर होते ही ग्रामीण क्षेत्रों से नगर में शिक्षकों के स्थानांतरण का रास्ता साफ हो जाएगा। ऐसे में नगर के विद्यालयों में अध्यापकों की कमी जल्द दूर होने वाली है।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित नगर के विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। वाराणसी में ही नगर के 101 विद्यालयों में से 26 विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। बनारस ही नहीं सूबे के अन्य जनपदों की भी स्थिति कुछ इसी प्रकार है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के कई विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक है। इसके पीछे पिछले डेढ़ दशकों से नगर के विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति न होना मुख्य कारण है। हाल में ही सूबे में 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई। इसमें बनारस में 203 शिक्षक नियुक्त हुए।
नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में ही हुई। करीब डेढ़ दशक पहले ग्रामीण से नगर के विद्यालयों में शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था। इसके बावजूद नगर व ग्रामीण में शिक्षकों के अनुपात में काफी अंतर बना हुआ है। नए परिसीमन में ग्रामीण क्षेत्रों के 60 विद्यालय नगर में शामिल हुए हैं। हालांकि इन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का भी स्थानांतरण नहीं हो सका है। बहरहाल कैडर एक कर देने से नगर में शिक्षकों की कमी दूर होना तय है।
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