परिषदीय स्कूल खुलने पर शिक्षकों को आवश्यकतानुसार विद्यालयों में बुलाया जा सकेगा
शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मियों की उपस्थिति का निर्णय लेगा प्रबंधन
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आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े स्कूल पहली से आठवीं तक के परिषदीय विद्यालय एक जुलाई से खुल जाएंगे लेकिन छात्र-छात्रओं के लिए बंद रहेंगे। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को आवश्यकतानुसार विद्यालय बुलाया जाएगा। दूसरे बोर्ड से जुड़े मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए प्रबंधन निर्णय लेगा।
इसका मतलब यह कि छोटे बच्चों को स्कूल जाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। 2702 परिषदीय विद्यालय हैं जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1737, उच्च प्राथमिक विद्यालय 484 व कंपोजिट विद्यालय 481 हैं। इनमें पुराने छात्रों की संख्या 4,11,727 हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मार्च से ही विद्यालयों को बंद किया गया है।
डेढ़ साल से ठप है पठन-पाठन:
कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई पर डेढ़ साल से बंद है। आनलाइन शिक्षा के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि बच्चों को लाभ मिला है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा से अभिभावक परेशान हैं। ऐसे में छोटे बच्चे कितना लाभ ले पा रहे हैं, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूल खोले जाने की अवधि में 100 फीसद बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराना होगा। मिड-डे-मील की धनराशि को छात्र-छात्रओं, अभिभावकों के बैंक खाते में समय से भेजने की व्यवस्था करनी होगी। निश्शुल्क किताबों का वितरण, मिशन प्रेरणा के कार्यों में सहयोग एवं जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के कार्यो में सहयोग करना होगा।
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए मिशन प्रेरणा के जरिए ई-पाठशाला चलाया जा रहा है। सभी प्रधानाचार्य, शिक्षक और समाज के जागरूक लोग भी जुड़े हैं।
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