परिषदीय व कस्तूरबा स्कूलों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन शुरू, स्कूल खुलने पर शिक्षकों को करने होंगे ये जरूरी काम
■ स्कूल खुलने पर शिक्षकों को करने होंगे यह कार्य
● बच्चों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण करना
● शत-प्रतिशत बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराना
● मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत भेजी गई परिवर्तन लागत की धनराशि छात्र-छात्रओं व अभिभावकों के बैंक खाते में प्रेषित करना और मिले खाद्यान्न का वितरण करना
● जिले के स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प की गतिविधियों को पूर्ण कराना
● मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-पाठशाला का संचालन
● मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के सेवा विवरण को अपलोड व सत्यापन कराना
● स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प की गतिविधियों को पूरा करना।
गोरखपुर: कोविड के कारण लंबे समय से बंद चल रहे परिषदीय व कस्तूरबा गांधी स्कूलों को पहली जुलाई से खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। स्कूलों में साफ-सफाई के साथ-साथ सैनिटाइजेशन शुरू हो गया है। छात्र-छात्रओं को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ शिक्षक आएंगे और नामांकन सहित अन्य प्रशासनिक कार्य करेंगे। आनलाइन पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी।
स्कूल आने के बाद भले ही शिक्षकों को बच्चों को नहीं पढ़ाना होगा, लेकिन उन्हें विभागीय कार्य समयबद्ध तरीके से करना होगा। शिक्षकों को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की भी जिम्मेदारी निभानी होगी। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि स्कूलों को खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी खंड शिक्षाधिकारियों व प्रधानाध्यापकों को स्कूलों की सफाई व सैनिटाइजेशन के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल खुलने पर सभी शिक्षकों को समय से आना व निर्धारित विभागीय कार्यों का प्रमुखता से संपादन करना होगा। इसमें शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाएगा। मान्यता प्राप्त शिक्षकों-शिक्षणोतर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए विद्यालय प्रबंध समिति अधिकृत होगी।
मिशन प्रेरणा साथी
परिषदीय विद्यालयों के जिन बच्चों के अभिभावक आनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं, इसकी कमी प्रेरणा साथी पूरी करेंगे। इसके लिए स्कूलों को गांव के 10 ऐसे साथियों का चयन करने को कहा गया है, जो स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना स्मार्टफोन दे सकें।
स्मार्ट फोनधारक प्रेरणा साथी को स्कूल से दी जाने वाली सामग्री को बच्चों तक पहुंचाना होगा। घर ही बन जाएगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई-पाठशाला के तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण पूरा हो चुका है और अब चतुर्थ चरण नई गतिविधियों के साथ शुरू हो रहा है। जिसके तहत प्रेरणा साथी का चयन करना है। इन्हें साप्ताहिक शिक्षण सामग्री मुहैया कराई जाएगी।
ये बन सकते हैं प्रेरणा साथी: प्रेरणा साथी बच्चों के रिश्तेदार, पड़ोसी या फिर पुरातन छात्र हो सकते हैं। इन्हें अपने मोबाइल पर प्रेरणा लक्ष्य एप, रीड एलांग एप, दीक्षा एप डाउनलोड करना होगा। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छात्र कम से कम 20 मिनट रोज प्रेरणा लक्ष्य एप का इस्तेमाल करें। हर शिक्षक के साथ एक या दो वालिटियर को जोड़ा जाएगा। जो सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कक्षावार व विषयवार सामग्री साझा करेंगे।
राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश के क्रम में जिले में प्रेरणा साथी के चयन की कवायद शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 3789 प्रेरणा साथी पंजीकृत हो चुके हैं। अन्य को पंजीकृत करने की कवायद चल रही है। -भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए
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