निर्देश मिलते ही परिषदीय स्कूलों में प्री नर्सरी की पढ़ाई, तीन साल की उम्र में हो सकेगा दाखिला
ऐसे हुआ है उम्र के मुताबिक विभाजन
नई शिक्षा प्रणाली में 5-3-3-4 के फार्मेट में बच्चों की उम्र को बांटा गया है। इसमें 3-8, 8-11, 11-14, 14-18 उम्र के बच्चों को शामिल किया गया है। इसमें प्राइमरी से कक्षा दूसरी तक एक हिस्सा, तीसरी कक्षा से पांचवीं कक्षा तक दूसरा हिस्सा, कक्षा छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नवीं से 12वीं तक आखिरी यानी चौथा हिस्सा होगा।
गोरखपुर। परिषदीय विद्यालयों में भी अब प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री नर्सरी में दाखिला हो सकेगा। तीन । साल की उम्र में दाखिला होने से छह साल की उम्र तक आते-आते बच्चे ज्यादा बेहतर पढ़कर बुनियाद मजबूत कर सकेंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत 5-3-3-4 की शिक्षा प्रणाली पर विभाग में विचार चल रहा है। निर्देश मिलते ही इस सत्र से यह प्रणाली लागू हो जाएगी। नई व्यवस्था के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में बच्चे तीन वर्ष की उम्र में कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर नर्सरी या प्री नर्सरी में दाखिला ले सकेंगे। ताकि छोटी उम्र से ही उनकी बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाया जाए। अब तक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में ही छात्रों का दाखिला होता था। जिसकी वजह से जो बच्चा निजी स्कूल में तीन से चार साल की उम्र में कक्षा नर्सरी से पढ़ता था, वह छह वर्ष की आयु तक आते-आते हिंदी व अंग्रेजी के शब्दों के साथ ही वाक्य बनाना सीख जाता था। परिषदीय स्कूल में पहली कक्षा का छात्र अक्षरों को पढ़ना शुरू करता है। यहां के भी बच्चों की बुनियादी शिक्षा शुरू से ही बेहतर हो सके, इसके मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है।
छोटी उम्र से ही बच्चों का मानसिक विकास जरूरी है। सरकार की ओर से निर्देश मिलते ही तीन साल की उम्र के बच्चे का भी प्राथमिक विद्यालय में दाखिला हो सकेगा।- बीएन सिंह, बीएसए
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